2024 का संसदीय चुनाव BJP के लिए कठिन, कुछ ठोस बदलाव की ओर बढ़ रही सरकार

गौतम चौधरी  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी टीम को अब इस बात का एहसास हो गया है कि इस बार का संसदीय आम चुनाव आसान

क्रूर पूंजीवादी दौर में भारत का लोकतंत्र, लगातार घटती जा रही है सरकारी नौकरियाँ

लालचन्द्र देश की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। स्वाभाविक है कि इस बढ़ती हुई जनसंख्या की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकारी अमले

आर्थिक चर्चा/ सात्विक समृद्धि सहकारिता के सिंद्धांत पर ही संभव

पंकज गांधी सरकार के स्तर पर कुछ राज्यों में सहकारिता के सफल प्रयोगों से उत्साहित हो केंद्र सरकार भी इसे पूरे देश में विस्तारित करने

वामपंथ/ युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं से करोड़ों लोगों का विस्थापन

रविंदर कौर जिसने कभी घरों से उजड़े लोग देखे या उजड़कर बसने वालों की कहानियाँ सुनी हों, शायद उन्हें एहसास हो कि विस्थापन क्या होता

दस्तक देता ONDC बनेगा गेम चेंजर

पंकज गांधी ONDC पर कुछ महीने पहले मैं लिख चुका हूं कि भारत के ई-कॉमर्स इकोसिस्टम में यह सम्पूर्ण क्रांति लायेगी। अब उसके असर दिखने

आर्थिक चर्चा/ आज मेटा-इकोनामिक्स का अध्ययन जरुरी

पंकज गांधी दुनिया में अर्थशास्त्रा से प्रतिदिन हमें दो चार होना पड़ता है। पूरी दुनिया ने इसे समझने और परिभाषित करने का प्रयास किया। इसका

वामपंथ/ आर्थिक संकट और फासीवाद का घालमेल

एम असीम भारत में बहुत से लोग अभी भी पूछ रहे हैं कि फासीवाद कहां है। उन्हें लगता है कि नाजियों की तरह के न्यूरेमबर्ग

कांग्रेस रायपुर महाधिवेशन : आर्थिक प्रस्ताव ने निम्न मध्यम वर्ग के लोगों में जगाई उम्मीद

कमलेश पांडेय वैसे तो किसी भी राजनीतिक दल के महाधिवेशन पर प्रबुद्ध वर्ग के लोगों की नजर टिकी होती है लेकिन जब बात प्रमुख विपक्षी

सुरसा की तरह पसरता बोतलबंद पानी का बेलगाम धंधा

डाॅ. विनोद बब्बर हवा, पानी ईश्वर की ओर से प्राणी जगत को वरदान कहे जाते थे। कहा तो यहां तक जाता था कि जिस वस्तु

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