दंगों में पसमांदाओं की ही होती है हानि, अशराफ तो उसमें भी ढुढ लेते हैं लाभ

कलीमुल्ला खान साम्प्रदायिक या अन्य किसी भी प्रकार के आपसी दंगों के संबंध में जब कभी भी किसी सकारात्मक साम्यवादी चिंतक से बात हुई, उन्होंने

अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करनी है तो पसमांदा मुसलमानों को अवसर का लाभ उठाना चाहिए

गौतम चौधरी  भारतीय समाज की सबसे बड़ी खासियत जाति प्रबंधन है लेकिन कई बार इस प्रबंधन का दुष्परिणाम भी देश को मुगतना पड़ा है। किसी

पसमांदा मुसलमानों के आदर्श रहनुमा और भारतीय स्वातंत्र्य समर के योद्धा : मौलाना अतीकुर रहमान अरवी

गौतम चौधरी हज़रत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि व सल्लम ने अरब की पवित्र भूमि मक्का में एक घोषणा थी और कहा था कि ईमान वालों के

अशरफ व पसमंदा के बीच की खाई को पाटे बिना भारतीय मुसलमानों का विकास असंभव

हसन जमालपुरी हम इसे नकार नहीं सकते कि भारतीय मुस्लिम समुदाय में जातिवाद एक सामाजिक सच्चाई है, जिसे हाल ही में प्रकाशित साहित्य में उजागर

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