परमानन्द परम इस भौतिक दुनिया में रहकर हम अपनी स्थूल इन्द्रियों से स्थूल ध्वनियों को ही सुन सकते हैं किन्तु कई बार ये श्रव्य आवाजें
परमानन्द परम इस भौतिक दुनिया में रहकर हम अपनी स्थूल इन्द्रियों से स्थूल ध्वनियों को ही सुन सकते हैं किन्तु कई बार ये श्रव्य आवाजें