रांची/ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी झारखंड राज्य परिषद की ओर से केंद्र सरकार द्वारा लाए गए काले कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर 26 मई को काला दिवस के रूप में मनाया गया। पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं ने अपने अपने घरों में काला बिल्ला, काला झंडा लगाकर आंदोलन का समर्थन किया।
मौके पर भाकपा रांची जिला सचिव अजय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की हठधर्मिता के कारण आन्दोलन कर रहे लगभग 400 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं। हम उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उनका बलिदान संघर्ष को प्रेरणा देता है। केंद्र की सरकार राज्यों के चुनाव लडने में व्यस्त रहती है। उनके पास किसानों से वार्ता करने का समय नहीं है। वो किसान और मजदूरों को दोयम दर्जे का नागरिक समझती है।
भाकपा नेता ने कहा कि किसान और आम आवाम मार रहा है, देश बिक रहा है। उनकी प्राथमिकता में सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट है न की किसान और आवाम। यह देश के किसानों का अपमान है। इसलिए हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि तीनों काले कृषि कानून को रद्द करें।
उन्होंने कहा कि एमएसपी की गारंटी करें। किसानों को सम्मान दें और श्रम कानूनों में किए गए संशोधन को तत्काल प्रभाव से वापस ले। पीएसयू को बेचना बंद करे। देश के सभी उम्र के लोगों की वैक्सीनेशन की व्यवस्था अविलभ और निशुल्क करे। खाद्य पदार्थों और पेट्रोल और डीजल की महंगाई पर रोक लगाए।
इस मौके पर किसान नेता इसहाक अंसारी ने कहा की सरकार किसानों के प्रति संवेदन शील हो। छात्र नेता मेहुल मृगेंद्र ने कहा की जब तक कृषि कानून वापस नहीं घर वापस नहीं। इस मौके पर श्यामल चक्रवाती, मनोज ठाकुर और अनिकेत चैधरी सहित कई लोग कार्यक्रम में शामिल हुए।