पटना/ चंद्रगुप्त इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पटना (सीआईएमपी) ने अपने सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) पहल के तहत दैनिक वेतन भोगियों एवं वंचित 165 परिवारों के मध्य खाद्य सामग्री का वितरण किया।
सीआईएमपी सूत्रों से ज्ञात खबर में बताया गया है कि कोरोना महामारी के कारण दिहारी श्रमिक काम के अभाव में परेशान हैं। ऐसे लोग भूखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। सीआईएमपी प्रबंधन ने ऐसे कुछ श्रमिकों के बीच करीब पांच टन खाद्य पदार्थों का वितरण किया है।
इस संदर्भ में सीआईएमपी के निदेशक डॉ. वी. मुकुंदा दास ने बताया कि संस्थान 2008 में अपनी स्थापना के बाद से ही अपने शासी परिषद के माननीय अध्यक्ष, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व में गरीबों की मदद करने और बिहार के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदलने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि भूख इस धरती पर सबसे बड़ी बीमारी है और हम खुद को सभ्य तब तक नहीं कह सकते जब तक हमारे समाज में एक भी व्यक्ति बिना भोजन के सोता हो। डॉ. दास ने कहा कि हम स्थिति पर करी नजर रख रहे हैं और यह स्थिति आगे बनी रहती है तो हम आगे भी इस तरह की पहल करते रहेंगे।
सीआईएमपी के मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी राजीव रंजन ने बताया कि प्रत्येक पैकेट में 10 किग्रा. चावल, 10 किग्रा. गेहूं का आटा, 2 किग्रा. दाल, 2 किग्रा. चूड़ा, 5 किग्रा. आलू और 500 ग्राम आयोडीन नमक वितरित किया जा रहा है। यह एक परिवार के लगभग एक महीने का खर्च है।
इस संदर्भ में मुख्य संपर्क परामर्शी एवं सीएसआर सेंटर के कोऑर्डिनेटर, कुमोद कुमार ने कहा कि इस पर होने वाले खर्च को संस्थान के सभी कर्मचारियों ने अपने एक दिन के वेतन के अंशदान से वहन किया है।