ओमप्रकाश क्षत्रिय ‘प्रकाश’
एक सौ ग्यारह वर्षीय जैक्सन ली चांग से उनके नब्बे वर्षीय पुत्रा ने जानना चाहा कि उनकी लंबी आयु का राज क्या है? तो उन्होंने बताया, ’मैं हमेशा नियमित कार्य करता हूं। यही मेरी लंबी आयु का राज है।‘ इसका मतलब यह नहीं है कि नियम से बंध जाएं मगर एक बार यदि हम कोई कार्य किसी नियत समय से करना तय कर लें तो उसे उसी नियत समय से करें।
हर कार्य का अपना नियत समय होता है। सोना रात में श्रेष्ठ है तो नहाना सुबह। सूर्य सुबह उदय होता है, प्रकृति एक ही चक्र में अपनी ऋतु बदलती है। वर्षा एक निश्चित अवधि में आती है। यही प्रकृति का नियम है। प्रकृति से मनुष्य अलग नहीं है। यही नियम मनुष्य अपना ले तो उसे लंबी आयु प्राप्त हो सकती है। सुबह समय से उठना, व्यायाम करना, नहाना, खाना, सभी कुछ नियमित रूप से चलने लगे तो आदमी कभी बीमार ही न हो। जब बीमारी नहीं घेरेगी तो स्वास्थ्य नहीं गिरेगा। स्वास्थ्य ठीक है तो लंबी आयु निश्चित प्राप्त होगी। लंबी आयु प्राप्त करने के लिए नियमित जीवन जीना जरूरी है।
जरा, इनका अवलोकन कीजिए। स्वच्छ वायु, स्वच्छ भोजन, स्वच्छ मनोरंजन, स्वच्छ कपड़े, स्वच्छ शरीर आदि का ध्यान रखें। लंबी व स्वाभाविक सांस लें। यदि आप खर्राटे भी लेते हैं तो लीजिए। शरम न करें। अपना हर कार्य स्वाभाविक रूप से कीजिए। मेहमान या विशिष्ट व्यक्ति के आगमन पर कृत्रिम शिष्टता के बोझ से न दबें। अपनी स्वाभाविक मुद्रा में रहें। भावनाओं का दमन न करें। पहले तो क्रोध करें ही नहीं। शांत रहें। जब क्रोध आ ही जाए तो उबल पड़ें, चिल्लाएं। इससे मन हल्का होगा। शरीर पर व्यर्थ बोझ व मानसिक दबाव नहीं रहेगा।
घर में स्वच्छ वायु आने का प्रबंध होना चाहिए। बंद कमरे में न सोएं। हो सके तो बाहर या छत पर सोएं। शरीर के अवयवों की नियमित सफाई करें। मल दो बार विसर्जित करें। दांत सुबह व रात्रि में साफ करना न भूलें। सप्ताह में एक बार उपवास करने से पेट की सफाई होगी। भूख से अधिक भोजन करना हानिकारक है। अधिक खाने से मोटापा बढ़ता है व पाचन क्रिया खराब हो जाती है जिससे कई बीमारियों को जन्म मिलता है।
हर अंग को अपना नियत कार्य करने दें। दांतों से भोजन अच्छी तरह चबाएं। ऐसा न हो कि दांतों का कार्य पेट को करना पड़े। नाक सांस लेने के लिए है। उसी से सांस लें, मुंह से नहीं यानी जो अंग जिस कार्य के लिए उपयोगी है उस से वही कार्य लीजिए। शरीर को आराम न दें। चलते वक्त सीधे रहे, बैठें तो तनकर। अनावश्यक झुकाव न दें। स्वाद से बचें। चटपटी चीजें न खाएं। मिर्च-मसाले कम खाएं। जहरीले पदार्थ, दवाइयों आदि से दूरी बनाएं। क्षमता के अनुसार कार्य कीजिए। थक जाएं तो सुस्ता लें। थकान दूर कीजिए। फिर काम करना शुरू करें। क्षमता अनुसार ही जागें। विश्राम भी नियमित समय के अनुसार ही करें।
(स्वास्थ्य दर्पण)