नयी दिल्ली/ भारत-चीन के बीच हुई बातचीत में लंबित मुद्दों का जल्दी समाधान निकालने पर चर्चा की गई। दरअसल, भारत-चीन के बीच के विवाद को अब दोनों देशों के सैन्य अधिकारी आपस में सुलझाएंगे। इस विषय पर दोनों देशों के कूटनीतिकों ने आपसी सहमति बना ली है।
भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लंबे समय से जारी सीमा गतिरोध को हल करने के लिए बुधवार को बैठक आयोजित की गयी थी। बुधवार को दोनों देशों ने एक बार फिर इस मुद्दे पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर कूटनीतिक वार्ता की। चर्चा गहन, रचनात्मक और दूरदर्शी थी।
सीमा विवाद पर कूटनीतिक वार्ता को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए शांति, स्थिरता और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान आवश्यक है और दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शांति और भाईचारा बनाए रखने की आवश्यकता को लेकर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्ष स्थापित राजनयिक, सैन्य चौनल के माध्यम से संवाद कायम रखने पर सहमत हुए।
बता दें कि दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर लगातार बातचीत हो रही है। यह बातचीत सैन्य और राजनयिक स्तर पर हो रही है। इस साल 19 फरवरी को सैन्य स्तर की बात हुई थी और दोनों देशों के बीच यह 21वीं बैठक थी।
उस बैठक में चुशुल-मोल्डो बॉर्डर मीटिंग प्वाइंट पर बातचीत हुई थी। इस वार्ता में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति व स्थिरता बनाए रखने पर सहमति जताई गई थी। इससे पहले 20वें दौर की सैन्य वार्ता 9-10 अक्टूबर, 2023 को हुई थी।
इधर विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ शेष मुद्दों के जल्दी सुलझाने के लिए स्पष्ट, खुले और रचनात्मक तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया।