‘‘ये आकाशवाणी है, अब आप रामानुज प्रसाद सिंह से समाचार सुनिए’’ करीब तीन दशक तक रेडियो पर गुंजने वाली ये आवाज हमेशा के लिए खामोश
‘‘ये आकाशवाणी है, अब आप रामानुज प्रसाद सिंह से समाचार सुनिए’’ करीब तीन दशक तक रेडियो पर गुंजने वाली ये आवाज हमेशा के लिए खामोश