अमृत काल में लैंगिक समानता पर विमर्श जरूरी

डॉ. वेदप्रकाश देश आजादी के अमृत काल में प्रवेश कर चुका है, ऐसे में लैंगिक समता चिंता और चिंतन का विषय होना चाहिए। हाल ही

समाज में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने में मीडिया की भूमिका अहम : नफीसा

पटना/ समाज में जेंडर इक्विालिटी (लैंगिक समानता) को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी बनानेवाले से लेकर परिवार के सदस्यों तक सबकी बराबर की जिम्मेदारी है।

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