डॉ. हसन जमालपुरी वक्फ बोर्ड के कामकाज में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन के लिये, सरकार ने
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धर्म या पंथ बदलने से जाति नहीं बदलती, पसमांदा मुसलमानों को सशक्त बनाना समावेशी राष्ट्र की जरूरतों में से एक
गौतम चौधरी भारतीय समाज की कुछ विशेषता है। उन विशेषताओं में से जाति, वर्ण और क्षेत्र भारतीय समाज के हर व्यक्ति के साथ जुड़ा हुआ
यदि इस्लाम समानता की बात करता है तो मुस्लिम प्रश्नल लॉ बोर्ड पसमंदा मुसलमानों के प्रति उदासीनता क्यों?
डॉ. हसन जमालपुरी बात छोटी है लेकिन बात बड़ी भी है। इस्लाम हमें समानता का अधिकार देता है लेकिन भारत में कुछ ऐसी मुस्लिम ऑटोनोमश
दंगों में पसमांदाओं की ही होती है हानि, अशराफ तो उसमें भी ढुढ लेते हैं लाभ
कलीमुल्ला खान साम्प्रदायिक या अन्य किसी भी प्रकार के आपसी दंगों के संबंध में जब कभी भी किसी सकारात्मक साम्यवादी चिंतक से बात हुई, उन्होंने
अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करनी है तो पसमांदा मुसलमानों को अवसर का लाभ उठाना चाहिए
गौतम चौधरी भारतीय समाज की सबसे बड़ी खासियत जाति प्रबंधन है लेकिन कई बार इस प्रबंधन का दुष्परिणाम भी देश को मुगतना पड़ा है। किसी
पसमांदा मुसलमानों के आदर्श रहनुमा और भारतीय स्वातंत्र्य समर के योद्धा : मौलाना अतीकुर रहमान अरवी
गौतम चौधरी हज़रत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि व सल्लम ने अरब की पवित्र भूमि मक्का में एक घोषणा थी और कहा था कि ईमान वालों के
अशरफ व पसमंदा के बीच की खाई को पाटे बिना भारतीय मुसलमानों का विकास असंभव
हसन जमालपुरी हम इसे नकार नहीं सकते कि भारतीय मुस्लिम समुदाय में जातिवाद एक सामाजिक सच्चाई है, जिसे हाल ही में प्रकाशित साहित्य में उजागर