समलैंगिक रिलेशन-विद्रोह के स्वर

उषा जैन ’शीरीं‘ भले ही समलैंगिक रिश्तों को सामाजिक मान्यता मिले न मिले, इनका प्रचलन बढ़ने लगा है। समय समय पर ऐसे रिश्ते उजागर होते

लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता कितनी जायज़?

डॉ. सत्यवान सौरभ लिव-इन रिलेशनशिप के मुश्किल से 10ः मामले ही शादी तक पहुँच पाते हैं। बाक़ी 90ः मामलों में रिश्ते टूट ही जाते हैं।

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