गौतम चौधरी इस्लाम एक अलग किस्म का धर्म है। इसे आप पूर्ण रूप से अब्राहमिक दर्शन या सोशल ऑर्डर का धर्म नहीं कह सकते हैं।
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स्वयंभू भगवान बताने वाले तथाकथित धर्मगुरु समस्याओं के कारक
चन्द्र प्रभा सूद तथाकथित धर्मगुरु जब स्वयंभू भगवान बन बैठते हैं तब सारी समस्याओं का जन्म होता है। उनके अनुयायियों को न तो निगलते बनता
भारत की स्वतंत्र विदेश नीति से अमेरिकी कूटनीति में तिलमिलाहट, किया धार्मिक सहिष्णुता पर गलत रिपोर्ट जारी
डॉ. रूबी खान जब-से भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति की घोषणा की है, तब-से भारत के प्रति पश्चिमी देशों का नजरिया बदल गया है। खास
वामपंथ/ हाथरस की धार्मिक सभा में भगदड़ से सवा सौ मौतें और संवेदनहीन सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था
डॉ. सुखदेव विगत 2 जुलाई 2024 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस के मुगलगड़ी गाँव में एक बड़ी धार्मिक सभा होती है। इस दिन अचानक
‘धर्मांतरण को बढावा देनेवाली अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जानेवाली योजनाओं को तुरंत बंद करें सरकार’
नयी दिल्ली/ केंद्र सरकार द्वारा विशेष रूप से अल्पसंख्यकों के लिए 200 योजनाएं चलाई जाती हैं। इसके अलावा प्रत्येक राज्य में इन योजनाओं की कुल
उम्माह की अवधारणा आदर्श लेकिन इसे धार्मिक अनुष्ठानों तक ही सीमित रखना बेहतर होगा
गौतम चौधरी अभी पूरी दुनिया के मुसलमान हज करने मक्का जा रहे हैं। यह यात्रा पूरी दुनिया से लगातार जारी है। इस बीच सऊदी अरब
कानून और आपसी भाईचारे की शर्तों पर इस्लामिक धार्मिक कर्मकांडों का प्रदर्शन नाजायज
डॉ. अनुभा खान इस्लाम अपने अनुयायियों को दिन में पांच बार प्रार्थना करने के लिए प्रोत्साहित करता हैै। नमाज, इस्लाम के पांच अनिवार्य कर्मकांडों में
इस्लाम में केवल दीनी ही नहीं आधुनिक शिक्षा का भी महत्व
हसन जमालपुरी इस्लाम के प्रणेता, जिन्हें उनपर विश्वास करने वाले आदर से पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम, कह कर पुकारते हैं, ने अपने पहले
सामाजिक सौहार्द और सहिष्णुता के दो उदाहरण, जो भारत में धार्मिक बहुसंख्यकवाद को नकारता है
कलीमुल्ला खान भारत विविध संस्कृति, धर्म और परंपराओं का देश है। सांप्रदायिक सद्भावना भारत की पहचान में से एक है। यह हमारे देश के सामाजिक