स्वास्थ्य/ सौ रोगों की एक दवा है पानी

स्वास्थ्य/ सौ रोगों की एक दवा है पानी

पानी हमारे भोजन का सबसे महत्त्वपूर्ण पोषक तत्व है। एक वयस्क आदमी के शरीर में लगभग 70 प्रतिशत अर्थात् लगभग 38 से 40 लिटर तक पानी होता है जो मांसपेशियों और खून में मिलता है और शरीर के विभिन्न द्रवों का हिस्सा होता है।

पानी महत्त्वपूर्ण होता है क्योंकि यह – शरीर की सभी महत्त्वपूर्ण प्रक्रियाओं को विनियमित करता है। यह भोजन के घुलने और पाचन में इस्तेमाल होता है। बेकार तत्वों को हटाता है। पोषक तत्वों को लाता ले जाता है। आंतों की सामान्य आदतों के रख रखाव में सहायक होता है, कब्ज रोकता है।

नए ऊतकों के निर्माण में सहायक होता है। शरीर के जोड़ों को चिकनाहट प्रदान करता है और ऊतकों के लिए सुरक्षात्मक कुशन की व्यवस्था करता है। शरीर के सामान्य तापमान को बनाए रखता है पसीने के कारण जल के कम हो जाने से शरीर का तापमान कम रहता है और आंतरिक ऊष्मा (जल की कमी) बढ़ने से रोकता है। एंजाइम्स की उचित कार्यप्रणाली में योगदान देता है। ब्लड इलेक्ट्रोलेट्स को उपयुक्त रूप से गाढ़ा बनाए रखने में योगदान देता है। जल की अत्यधिक कमी से इलेक्ट्रोलाइट्स में असंतुलन हो सकता है।

हमें एक दिन में कितना पानी पीना चाहिए? पानी सभी खाद्य पदार्थों में होता है मगर द्रव खाद्य पदार्थों, ताजे फलों और सब्जियों में यह मुख्य रूप से होता है अपने खाने की वस्तुओं में स्थित प्राकृतिक जल के अतिरिक्त हमें प्रतिदिन कम से कम 10 गिलास पानी पीना चाहिए। खाने के बिना हम कई सप्ताह जीवित रह सकते हैं लेकिन पानी के बिना हम केवल 3 दिन जीवित रह सकेंगे।

शरीर में पानी की 5 प्रतिशत कमी होने पर कमजोरी आती है जबकि 15 से 20 प्रतिशत की कमी जानलेवा होती है। हमारे शरीर का पानी पसीने (त्वचा), फेफड़े (सांस), शारीरिक क्रियाकलाप और मलमूत्रा द्वारा कम होता है। ग्रीष्म की गर्मी में हमें ज्यादा द्रव खाद्य पदार्थ लेने चाहिए। भोजन में रेशों की बढ़ी हुई मात्रा से द्रव की मात्रा बढ़ती है जिससे कब्ज नहीं होती।

कॉफी, चाय अल्कोहल में होने वाले कैफीन से पानी की कमी होती है। इनसे शरीर के द्रव कम हो जाते हैं। हवाई जहाज की यात्रा में भी पानी की कमी हो जाती है। थकान से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में जल पिएं। कार्बाेहाइड्रेट्स, वसा और प्रोटीन की अतिरिक्त मात्रा शरीर में वसा के रूप में एकत्रा हो जाती है जबकि पानी की अतिरिक्त मात्रा आसानी से हजम हो जाती है, इसीलिए सामान्य स्थितियों में शरीर में पानी की कुल मात्रा उल्लेखनीय रूप से स्थिर रहती है।

हमारे शरीर के जल में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, क्लोराइड, फॉस्फेट, बॉयोकार्बाेनेट और सल्फेट जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स, जो अकार्बनिक तत्व होते हैं, ये शरीर के विभिन्न द्रवों में बंटे हुए होते हैं। हमारे शरीर में जल और इन इलेक्ट्रोलाइट्स का स्तर बनाए रखने में गुर्दों (किडनी) की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

शरीर के जल और इलेक्ट्रोलाइट्स के असंतुलन से गुर्दों की खराबी, हार्माेन संबंधी असंतुलन, हृदय संबंधी समस्या, यकृत (लिवर) की बीमारी जैसे अनेक शारीरिक और मनोवैज्ञानिक व्यवधान उत्पन्न हो जाते हैं। इससे शरीर में पानी की कमी या अधिकता हो जाती है तथा इनका तत्काल पर्याप्त इलाज करवाना चाहिए।

प्रतिदिन पीने वाले पानी की मात्रा बढ़ाई जा सकती हैः-
पानी में नींबू, कागजी नींबू या संतरा मिलाएं। अपने काम की जगह पर एक गिलास रखें और हर दो घंटे पर पानी पीते रहे। कार में अथवा लंबी यात्रा करते समय पानी की बोतल साथ रखें।
पानी की मात्रा बढ़ाने के अन्य तरीकें –
लस्सी, फलों का रस, सूप, सभी पेय आदि लें पर इनको लेते समय ली जा रही कैलोरीज का भी ध्यान रखना चाहिए। अच्छे स्वास्थ्य के लिए अपने रोज के खाने में पानी को महत्त्वपूर्ण स्थान दें।
वजन कम करने के कार्यक्रम में हमारे शरीर से वसा का वजन कम होता है या पानी का?

हमारा शरीर दो घटकों से बना है-वसा (फैट) वजन और लीन वजन। ली गई गई अतिरिक्त वसा, जो शारीरिक वसा में तब्दील हो जाती है, वसा वजन कहलाती है। शरीर में पुरुषों हेतु केवल 10 – 22 प्रतिशत तक और महिलाओं हेतु 25 -31 प्रतिशत वसा वसा होनी चाहिए। शेष को कम कर देना चाहिए। इसकी कोई जरूरत नहीं होती।

वजन घटाने हेतु आपको हमेशा ऐसे कार्यक्रम का चयन करना चाहिए जो प्राकृतिक हो और जिससे शरीर से पानी का वजन कम न होकर वसा का वजन कम हो। ऐसा कार्यक्रम जिसमें आपको ज्यादा पसीना निकले या जल्दी-जल्दी पेशाब करने जाना पड़े या तुरंत वजन कम हो, वह आपके शरीर में जल का वजन कम करता है न कि वसा का।

आप अपना वजन कम करना चाहते हों या न चाहते हों, पानी के विषय में समझौता नहीं करें। अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन 10-12 गिलास पानी अवश्य पिएं।

(स्वास्थ्य दर्पण)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »