टोसिलिजुमैब इंजेक्शन की जगह ढाई-ढाई लाख रुपए में बेच दिया पानी, रासुका के तहत होगी कार्रवाई

टोसिलिजुमैब इंजेक्शन की जगह ढाई-ढाई लाख रुपए में बेच दिया पानी, रासुका के तहत होगी कार्रवाई

इंदौर/ घटना इंदौर की है। यहां एक आरोपी ने पानी भर कर टोसिलिजुमैब (टोसी) के इंजेक्शन ढाई-ढाई लाख में बेच दिए। उसके पास जैसे-जैसे पैसे आते गए, उसने घर के लिए कूलर, फ्रिज, अलमारी और मोबाइल के साथ सालभर का राशन खरीद लिया। इतना ही नहीं, उसने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए हजारों के कपड़े खरीद लिए और कई गिफ्ट भी दिए। लॉकडाउन खुलने के बाद आरोपी अपनी गर्लफ्रेंड को घुमाने बाहर ले जाने वाला था।

इंदौर पूर्व के पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी के मुताबिक पानी भरकर टोसिलिजुमैब के इंजेक्शन बेचने के मामले में पकड़ा गए सुरेश यादव (उम्र 29 साल) के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। सुरेश ने कबूला है कि वह पांच लोगों को दो से ढाई लाख रुपए में इंजेक्शन बेचा है।

सुरेश यादव इंदौर के लक्ष्मणपुरा गली नंबर-3 बाणगंगा में रहता है। एक पीड़ित ने थाने में बताया था कि बदमाश ने उसे टोसी का इंजेक्शन बताकर ढाई लाख रुपए में पानी का इंजेक्शन बेचा है। साथ ही बताया कि आरोपी सोशल मीडिया पर एक्टिव है और उसने मेरा (पीड़ित का) मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने सब इंस्पेक्टर प्रियंका शर्मा को इस केस में लगाया। फिर उसे सोशल मीडिया ग्रुप इंदौर स्मार्ट सिटी पर टोसी इंजेक्शन की डिमांड डालने के लिए कहा गया, तभी आरोपी ने उनसे चैट की। बताया कि वह इंजेक्शन दे देगा। उसकी असल कीमत 40 हजार है, लेकिन अभी ब्लैक में ढाई लाख रुपए में मिलेगा। ऐसा कहकर आरोपी ने प्रियंका से ढाई लाख रुपए में सौदा कर लिया।

मंगलवार को आरोपी ने प्रियंका को विजय नगर में राधेश्याम पहलवान के घर के पास मिलने के लिए बुलाया। आरोपी ने सब इंस्पेक्टर से यह भी कहा कि रुपए शकर या धान की थैली में लाना। पुलिस पूछे तो बोल देना कि घर के लिए राशन लेने आई थी।

आरोपी से सौदा तय होने के बाद थाने के जवान भरत को ऑटो ड्राइवर बनाया और सब इंस्पेक्टर प्रियंका ग्राहक बनकर गईं। मौके पर आरोपी ने रुपए की थैली लेकर प्रियंका से कहा कि जल्दी से चले जाओ नहीं तो पुलिस आ जाएगी। इसी दौरान पुलिस ने उसे पकड़ लिया। आरोपी को यह नहीं मालूम था कि जिसे वह इंजेक्शन दे रहा है वह खुद ही पुलिस स्टाफ है।

ठग इतना शातिर था कि जब उसे इंजेक्शन के लिए मैसेज आते थे तो वह पहले यह पता करता था कि उसका ग्राहक महिला है या पुरूष। इसके बाद उससे सौदा तय करता था। वह पुरुषों को बड़ी मुश्किल से इंजेक्शन देता था, जबकि लड़कियों को आसानी से बेच देता था।

पुलिस के मुताबिक आरोपी सुरेश से जिन लोगों ने इंजेक्शन खरीदे, उनसे पुलिस ने संपर्क कर लिया है। आरोपी ने किसी को भी असली इंजेक्शन नहीं दिया है।

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