पटना/ कोरोना काल में अपनों ने जहां दूरी बना ली है, वहीं पराये अपनों से भी बढ़कर काम कर रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स है जीशान महबूब, जिन्होंने कहा कि ईश्वर ने दी है जान तो लेने का भी हक उसी को है।
बिहार में कोरोना प्रत्येक दिन नए रिकार्ड बना रहा। मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है तो मदद करने वाले लोगों की भी कोई कमी नहीं है।बिहार में सीवान जिले के मूल निवासी शिक्षक-शिक्षिका मां-बाप के इकलौते पुत्र और पटना विश्वविद्यालय में एमएससी के 24 वर्षीय छात्र जीशान महबूब कोरोना काल में लगातार लोगों की मदद में दिन-रात जुटा है। जीशान अपने दो सहयोगी अजमल कमाल और सलीम शादाब के साथ कोरोना पीड़ित मरीजों के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।
जीशान अहमद ने बताया कि अबतक हम लोगों ने 125-150 लोगों तक कोरोना किट की दवा पहुंचाई है। इस किट में विटामिन के टैबलेट, मल्टी बिटामिन शिरप, मल्टी विटामिन टैबलेट, विटामिन बी, परासीटामौल के साथ-साथ ऑक्सीजन की भी आपूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह सब वह निरूशुल्क मुहैया करा रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसके लिए हम फंड की व्यवस्था स्वंय से करते हैं।
जीशान महबूब ने बताया कि राजधानी पटना में अबतक हमने 25-30 लोगों को बेड मुहैया कराया है। उन्होंने कहा कि पटना के अलावा अन्य जिलों के भी चार से पांच कोरोना पीड़ित मरीजों को बेड मुहैया कराया है। उन्होंने बताया कि औरंगाबाद के निवासी अविनाश सिंह को हमने सीएनएस अस्पताल में बेड उपलब्ध कराया ।
कोरोना से लगातार हो रही मौतों पर एक सवाल के जवाब में जीशान ने कहा कि ईश्वर ने हमें जान दी है वह जैसे चाहेगा ले लेगा, इसमें डरने की क्या बात है। अपने बारे में जीशान ने बताया कि मेरे पिताजी और माताजी दोनों शिक्षक हैं। घर में मेरे अलावा एक बहन है, जो डॉक्टर है। उन्होंने कहा कि मदद की यह प्रेरणा मुझे मेरे अविभावक और समाज में मेरे मित्रों से मिली है।