अहमदाबाद/ गुजरात की अल्पसंख्यक समन्वय समिति ने गुजरात के गृह विभाग द्वारा जिहाद शब्द के गलत उपयोग पर आपत्ति जताई है। गुजरात माइनॉरिटी कोर्डिनेशन कमेटी के संयोजक मुजाहिद नफीस ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि गुजरात के गृह विभाग द्वारा 17 वितंबर 2021 को जारी परिपत्र संख्या में राज्य के पुलिस महानिदेशक महोदय व राज्य के व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारियों से राज्य में कुछ विशेष अपराधों के विषय में तत्काल रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए गए हैं। इन अपराधों की सूची में ‘‘लव जिहाद’’ से जुड़े अपराध के बारे में सूचना देने को कहा गया है। मुजाहिद ने कहा बताया कि यह आपतिजनक आदेश है।
उन्होंने कहा कि गुजरात राज्य के किसी कानून में लव जिहाद नामक शब्द, अपराध अंकित नहीं है। इस शब्द का प्रयोग सत्ताधारी राजनीतिक दल के नेताओं द्वारा सांप्रदायिक धुर्वीकरण के लिए किया जाता रहा है। इस्लाम में ‘जिहाद’ शब्द एक बहुत ही पवित्र शब्द है और इसका अर्थ है धर्म और मानवता के लिए संघर्ष करना है। मुजाहिद ने बताया कि इस बात की जानकारी सरकार किसी उर्दू, अरबी के जानकार से ले सकते हैं। इस्लाम में जिहाद का उपयोग किसी भी गलत काम के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 ए (एफ) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह धार्मिक, भाषाई, क्षेत्रीय या सांप्रदायिक मतभेदों की परवाह किए बिना भारत के सभी लोगों के बीच सद्भाव और भाईचारे का निर्माण करें। उन्होंने कहा कि प्रमुख्य मुख्य सचिव जैसा वरिष्ठ अधिकारी भी संविधान की मूल भावना का उल्लंघन करे तो कृत्य अत्यंत गंभीर बन जाता है।
मायनोरिटी कोर्डीनेशन कमेटी गुजरात ने अधिक सचिव गृह विभाग गुजरात, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह विभाग को पत्र लिखकर सर्क्युलर में पवित्र शब्द के दुरुपयोग के संबंध में जिहाद शब्द के दुरुपयोग रोकने की मांग करते हुए परिपत्र को संशोधित कर जारी करने का अनुरोध किया है।