सुभाष शिरढोनकर
अभिनेत्राी और मॉडल फ्लोरा सैनी ने कैरियर की शुरूआत तेलुगु फिल्म ’प्रेमा कोसम’ (1999) से की। उसके बाद अब तक वह 50 से अधिक तमिल कन्नड़ और हिंदी फिल्में कर चुकी हैं। अब तक उनके हिस्से में ज्यादातर सहायक भूमिकाएं ही आ सकी हैं।
मूलतः चंडीगढ़ की रहने वाली फ्लोरा सैनी के पिता सेना अधिकारी हैं। फ्लोरा की प्रारंभिक शिक्षा उधमपुर में हुई। उसके बाद उन्होंने आर्मी पब्लिक स्कूल धौला कुंआ, नई दिल्ली से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की। उधमपुर और दिल्ली के बाद वह अपने माता-पिता के साथ कोलकाता आ गईं, जहां उन्होंने मॉडलिंग में कैरियर की शुरूआत की। उन्होंने मिस कोलकाता ब्यूटी कांटेस्ट में भी हिस्सा लिया।
बॉलीवुड में फ्लोरा सैनी की पहली फिल्म इमरान खालिद द्वारा निर्देशित ’सबसे बड़ा बेईमान’ (2000) थी। उसके बाद वो उसी साल रिलीज ’ग्रीन सिग्नल’ (2000) में नजर आईं। टीपी अग्रवाल द्वारा निर्मित ’भारत भाग्य विधाता’ (2002) में पहली बार उन्हें पहचान मिली। उसके बाद अब तक वे एक दर्जन से अधिक हिंदी फिल्में कर चुकी हैं। फ्लोरा सैनी की आने वाली फिल्मों में ’भेदिया’ और ’36 फ्रेम हाउस’ महत्वपूर्ण हैं।
फ्लोरा सैनी, ’अपना न्यूज आयेगा’ (2019) और ’मेरे साईं’ (2020) जैसे दो टीवी सीरियल के साथ ही साथ एक दर्जन के लगभग वेब सीरीज कर चुकी हैं। अन्वेशी जैन के साथ अल्ट बालाजी की वेब सीरीज ’गंदी बात’ (2018) में उन्हें काफी लोकप्रियता हासिल हुई।
42 की हो चुकी फ्लोरा सैनी ने वेब सीरीज ’गंदी बात’ (2018) के साथ पहली बार कामयाबी का स्वाद चखा। प्रस्तुत हैं उनके साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश : –
1999 में अपने कैरियर की शुरूआत करने के ठीक दो दशक बाद आपको पहली बार वेब सीरीज के जरिये कामयाबी मिली। क्या आप इस बात को स्वीकार करेंगी कि ओ.टी.टी. ने नाकाम और गुमनाम कलाकारों के लिए सफलता के नए द्वारा खोल दिए हैं?
इसमें क्या शक है कि टी.वी. शोज और फिल्मों की तरह ओ.टी.टी. भी, एंटरटेनमेंट का महत्वपूर्ण जरिया बनता जा रहा है। अलग तरह के कंटेंट की वजह से ओ.टी.टी. पर दिखाई जाने वाली वेब सीरीज को ऑडियंस खूब पसंद कर रही है। सिर्फ नाकाम और गुमनाम कलाकारों की बात क्यों की जाये। आज तो बड़े से बड़ा एक्टर इस मीडियम के लिए काम करना चाहता है।
ओ.टी.टी. पर ऑडियंस के लिए अनावश्यक रूप से सैक्स परोसने का आरोप लगता रहा है। ’गंदी बात’ में आपने भी काफी इंटीमेेट सीन्स किए। इसे लेकर आप खुद को कितनी सहज महसूस करती हैं?
मैं अपने स्कूल के दिनों से ही बहुत ज्यादा कान्फिडेंट थी। जब हम एक्टिंग करने चले हैं तो एक एक्टर होने के नाते हमें इस तरह के सीन्स करने में संकोच नहीं होना चाहिए। यदि सब्जेक्ट की डिमांड है और कंटेंट इस तरह का हो, तो मैं बड़ी ही आसानी के साथ इंटीमेट सीन कर सकती हूं।
क्या कभी इंटीमेट सीन करते हुए, इस तरह के किरदारों के लिए टाइप्ड होने का डर महसूस होता है ?
मैंने वेब सीरीज या फिल्मों में खुद को कभी भी किसी खास किरदार के लिए टाइप कास्ट महसूस नहीं किया लेकिन यदि कभी मेरे साथ ऐसा होता है तो मैं उसे अपनी तारीफ समझूंगी क्योंकि इसका सीधा अर्थ यही है कि आपको जो काम दिया गया, उसे आपने इतनी अच्छी तरह किया है कि अब कोई भी उस किरदार को निभाने के लिए आपके अलावा किसी और के बारे में सोच नहीं पा रहा है।
हॉटनेस, हार्ड वर्क, टेलेंट और डेस्टिनी, इनमें से आप कामयाबी के लिए सबसे महत्वपूर्ण किसे मानती हैं?
ग्लैमर वर्ल्ड में कुछ भी निश्चित नहीं है। यहां अकेले योग्यता से काम नहीं चलता। बहुत कुछ और भी है जिसका यहां ध्यान रखा जाता है। केवल आपकी कड़ी मेहनत या फिर आपका टैलेंट नहीं है जो आपको आगे काम दिलाता है। टैलेंट तो सभी के पास होता है। हार्ड वर्क सभी करते हैं लेकिन लुक का क्या करोगे। जब तक आप ब्यूटीफुल और हॉट नजर नहीं आओगे, यहां आपको कोई घास भी नहीं डालेगा।
(अदिति)