रहस्य रोमांच/ कुछ लोग अपमानित स्थानों पर सजाते हैं ट्राफियां

रहस्य रोमांच/ कुछ लोग अपमानित स्थानों पर सजाते हैं ट्राफियां

आनंद कुमार अनंत

खिलाड़ी हों या फिल्मी सितारे या कोई अन्य, जिसे भी भारत में किसी सम्मान से सम्मानित किया जाता है, उसे पुरस्कार के साथ ट्राफी भी प्रदान की जाती है। पुरस्कार पाने वाला व्यक्ति मिलने वाली ट्राफी को बहुत ही संभालकर रखता है लेकिन कुछ ऐसे व्यक्ति भी हैं जो फिल्म के क्षेत्र में मिलने वाले सबसे बड़े पुरस्कार ‘आस्कर पुरस्कार‘ की ट्राफी को अपने बाथरूम या अन्य उपेक्षित स्थानों पर रखकर उस ट्राफी का अपमान करते हैं।

1927 में एकेडमी आफ मोशन पिक्चर्स की स्थापना हुई। इसके निदेशक सैर्डिक गिस्बन ने लास एंजिल्स के कलाकारों से आस्कर ट्राफी का डिजाइन तैयार करने को कहा। जार्ज स्टेनली के एक डिजाइन को आस्कर ट्राफी के लिए चुना गया। इस डिजाइन में नाईट फिल्म की एक रील पर दोनों हाथों में तलवार लिए आकृति बनी हुई थी। तलवारों की नोक रील की तरफ थी। इस तरह साढ़े तेरह ईंच ऊंची और साढ़े आठ पौंड वजन वाली कांसे की ट्राफी आस्कर पुरस्कार में देने के लिए बनायी गई। कांसे की ट्राफी की जगह बाद में प्लास्टर का प्रयोग किया और उसके बाद गोल्ड प्लेटेड मिश्रित धातु ब्रिटेनियम का प्रयोग किया गया। आस्कर ट्राफी के डिजाइन में 1945 में बदलाव किया गया। अब आस्कर पुरस्कार की ट्राफी स्वर्ण से बनी होती है। ‘द इंगलिश पेशेन्ट‘ के लिए आस्कर पुरस्कार विजेता जूलियट विनोशे को जब ट्राफी प्रदान की गयी तो उन्होंने अपनी ट्राफी को ला कर बाथरूम के एक कोने में रख दिया।

‘द एक्यूज्ड‘ तथा ‘द साइलेंस आफ दॅ लेब‘ के लिए आस्कर पुरस्कार पाने वाली नायिका जोडी फास्टर ने भी अपनी ट्राफी को लाकर बाथरूम में रख दिया। नायिका का कहना है कि ट्राफी को अपने बाथटब के पास इसलिए रखा है ताकि वह मेरे नग्न शरीर को नहाते समय देख सके। इससे ट्राफी का सम्मान बढ़ेगा तथा वह मेरा अभिन्न अंग बन सकेगा। ‘वन फ्लू ओवर द कुकूज नेस्ट‘, ‘एज गुड एज इट गेट्स‘ तथा ‘टम्र्स आफ इनडियरमेंट‘ के लिए तीन आस्कर जीतने वाले जैक निकोलस ने अपनी ट्राफी को बुक शेल्फ पर सजा कर रखा है। उनका कहना है कि यह पुरस्कार मेरे जीवन की सर्वश्रेष्ठ वस्तु है, अतः इसे विद्या के बीच सजा कर रख दिया है।

‘ब्रेवहार्ट‘ के लिए दो आस्कर पुरस्कार पाने वाले मेल गिब्सन ने अपनी ट्राफियों को लाइब्रेरी में रख दिया है। ‘शेक्सपियर इन लव‘ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्राी का आस्कर पुरस्कार जीतने वाली ग्विमेथ पाल्ट्री ने अपनी ट्राफी को परिधानों के बीच सजाकर रखा है। ‘पेपर मून‘ फिल्म के लिए टेटम ओ नील को वर्ष 1974 में आस्कर पुरस्कार मिला। आस्कर पुरस्कार पाने वालों में यह बच्चा सबसे कम उम्र का था। दस वर्षीय टेटम ओ नील ने आस्कर पुरस्कार को अपनी मां की कब्र के पास दफना दिया। उसका कहना था कि फिल्म में काम करने की प्रेरणा मां द्वारा ही मिली थी, इसलिए इस ट्राफी की अधिकारी मूल रूप से वही हैं।

‘एल. ए. काफीडेंशियल‘ के लिए आस्कर ट्राफी पाने वाली वेसिंजर ने अपनी ट्राफी को लास एंजिल्स स्थित घर के गार्डन में गाड़कर उस पर एक गुलाब का पौधा लगा दिया है ताकि आने वाले गुलाबों के फूल से ट्राफी को सुगन्ध मिलती रहे। ‘चार्ली’ फिल्म के लिए आस्कर ट्राफी पाने वाले क्लिफ राबर्टसन ने अपनी ट्राफी को दो सालों तक एजेंट के घर पर ही छोड़ रखा था क्योंकि वे अपनी एक फिल्म की शूटिंग में इतने व्यस्त थे कि उन्हें ट्राफी लाने का ध्यान ही नहीं था। बाद में उस ट्राफी को उनकी पत्नी डायना मेरियल लाग एजेंट के यहां से लेकर अपने घर आयी।

‘द गुडबाय गर्ल‘ के आस्कर ट्राफी विजेता ने अपनी ट्राफी को तीन सप्ताह एक एक रद्दी की टोकरी में ढक कर रखने के बाद उसे घर ले जाकर रखा क्योंकि वे उस समय न्यूयार्क में ब्रुकलिन एकेडेमी के जूलियस सीजर में काम करने में व्यस्त थे। ‘फारेस्टगम्प‘ तथा ‘फिलेडेल्फिया‘ के लिए आस्कर ट्राफी पाने वाले टाम हैंक्स ने अपनी ट्राफी को कार के बोनट पर जड़वा दिया था जबकि मेरी स्टीनबर्गन को जब सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के रूप में आस्कर ट्राफी मिली तो उसने अपने पति द्वारा उपहार स्वरूप प्राप्त पियानो के ऊपर अपनी ट्राफी को रख दिया। ‘द अनटचेबल्स’ के लिए जेम्सबांड सीन कानेरी को पुरस्कार स्वरूप आस्कर ट्राफी मिली तो उन्होंने ट्राफी को टायलट के पीछे सीढ़ियों पर रख दिया।

इस विषय में उनका कहना था कि ‘ऐसी यादगार चीजों को ऐसी सार्वजनिक जगह पर रखा जाना चाहिए जहां आने वाले सभी व्यक्ति देख सकें। इसके लिए टायलेट से उपयुक्त अन्य स्थान मुझे कोई दूसरा नहीं दिखाई दिया।’ इस प्रकार फिल्म के क्षेत्रा में दिया जाने वाला सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार ‘आस्कर पुरस्कार’ व्यक्ति विशेष की इच्छानुसार स्थान पर रहने के लिए विवश होता है। ‘आस्कर ट्राफी‘ की मान-मर्यादा विश्व स्तर पर है किंतु कोई उसे टायलेट में रखता है, कोई बाथरूम में तो कोई कब्र में दफना डालता है।

(अदिति)

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