अहमदाबाद/ एफपीएसबी (फाइनेंशियल प्लानिंग स्टैन्डर्ड बोर्ड) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कृष्ण मिश्रा ने बुधवार को चौकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश में रोजगार पाने वालों में काबिलियत की कमी है। उन्होंने कहा कि कुशलता के अभाव में लगभग 18 लाख नौकरियों को लेने वाला कोई नहीं है।
एक संवाद सेवा को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी अगले पांच साल में 1.5 लाख नौकरियां सृजित करेगा। अभी यहां करीब 6,000 कर्मचारी वित्तीय सेवा क्षेत्र में हैं।
मिश्रा ने कहा, केंद्र सरकार के नेशनल करियर सर्विसेज पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल देश में वित्तीय सेवाओं में 46.86 लाख नौकरियां सृजित हुईं। इनमें से केवल 27.5 लाख नौकरियां ही भरी गईं। इससे पता चलता है कि 18 लाख नौकरियों को लेने वाला कोई नहीं था। इसका कारण रोजगार हासिल करने की काबिलियत है। नौकरियां तो हैं, लेकिन लोग उतने काबिल नहीं हैं कि उसे ले सकें।
उन्होंने कहा, बैंकों, बीमा कंपनियों, ब्रोकरेज हाउस और म्यूचुअल फंड कंपनियों को हमेशा प्रशिक्षित लोगों की आवश्यकता होती है। यदि आप ऑनलाइन नौकरी खोजते हैं, तो आप पाएंगे कि उपलब्ध प्रमाणित वित्तीय नियोजकों (सीएफपी) की संख्या की तुलना में लगभग 40 गुना अधिक नौकरियां हैं।
एफपीएसबी इंडिया, फाइनेंशियल प्लानिंग स्टैंडर्ड्स बोर्ड लि. (एफपीएसबी लिमिटेड) की भारतीय अनुषंगी कंपनी है। यह वित्तीय नियोजन पेशे के लिए वैश्विक मानक-निर्धारण से जुड़ा निकाय है।
मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में, भारत में 2,731 प्रमाणित सीएफपी पेशेवर हैं जबकि पूरी दुनिया भर में इनकी संख्या 2.23 लाख है। भारत में 2030 तक लगभग 10,000 सीएफपी होंगे जबकि मांग के कारण जरूरत 1,00,000 की होगी।
उन्होंने कहा, भारत में व्यक्तिगत वित्त को नजरअंदाज किया गया। लोगों ने सोचा कि वित्तीय नियोजन बड़े लोगों के लिए है। लेकिन, वास्तव में, धन प्रबंधन बड़े लोगों के लिए है जबकि वित्तीय योजना सभी के लिए है। हमें वित्तीय रूप से शिक्षित होने की जरूरत है।
मिश्रा ने घोषणा की कि एफपीएसबी इंडिया और भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद (आईआईएमए) ने मंगलवार को वित्तीय नियोजन और निवेश सलाहकार सेवाओं में पेशेवरों के लिए लक्षित क्षमता निर्माण पहल की एक श्रृंखला शुरू करने के लिए रणनीतिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
उन्होंने कहा कि इसके तहत आईआईएमए और एफपीएसबी इंडिया प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करेंगे, व्यावहारिक अनुसंधान करेंगे और समसामयिक विषयों पर पेशेवरों के लिए कार्यशालाएं आयोजित करेंगे।
मिश्रा ने कहा, हम गिफ्ट सिटी में काफी वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। दूसरी तरफ प्रतिभा की कमी है। आज बैंक और वित्तीय सेवा क्षेत्र की लगभग 628 कंपनियों के कार्यालय गिफ्ट सिटी में हैं।
उन्होंने कहा, अगले पांच साल में वहां लगभग 1.5 लाख लोगों की जरूरत होगी। ये नौकरियां ज्यादातर वितरण और प्रबंधन के क्षेत्र में होंगी। इससे प्रमाणित वित्तीय नियोजकों की काफी मांग होगी।