नयी दिल्ली/ रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन क्रेडाई ने घरों की मांग में तेजी लाने के लिए कई तरह की कर राहत की मांग की है। इन मांगों में आवास ऋण पर ब्याज में कटौती की सीमा को वर्तमान की दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करना शामिल है।
क्रेडाई (कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशंस ऑफ इंडिया) ने वित्त मंत्रालय को भेजी बजट अनुशंसा में क्षेत्र के लिए आधारभूत दर्जे तथा किफायती घरों की परिभाषा में बदलाव की भी मांग की है। क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोडिया ने उम्मीद जताई कि आगामी बजट विभिन्न संशोधनों, छूटों को सरकार शामिल करेगी।
रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन क्रेडाई ने घरों की मांग में तेजी लाने के लिए कई तरह की कर राहत की मांग की है, जिसमें आवास ऋण पर ब्याज में कटौती की सीमा को वर्तमान की दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करना शामिल है।
क्रेडाई (कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशंस ऑफ इंडिया) ने वित्त मंत्रालय को भेजी बजट अनुशंसा में क्षेत्र के लिए आधारभूत दर्जे तथा किफायती घरों की परिभाषा में बदलाव की भी मांग की है।
क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोडिया ने उम्मीद जताई कि आगामी बजट विभिन्न संशोधनों, छूटों और विस्तारों के जरिए अवसंरचना विकास और आवास क्षेत्र को बढ़ावा देगा जिसकी बेहद आवश्यकता है।
पटोदिया ने कहा, हम वित्त मंत्रालय से अनुरोध करते हैं कि धारा 24(बी) के तहत कर छूट के लिए घर खरीदारों के लिए ब्याज में और कटौती की जाए। इससे घर खरीदने संबंधी धारणा मजबूत होगी विशेषकर ऐसे समय जब महामारी की तीसरी लहर का प्रकोप शुरू हो चुका है और वक्त बहुत मुश्किल चल रहा है।