सुखद दांपत्य का आधार है सक्रिय सेक्स लाइफ

सुखद दांपत्य का आधार है सक्रिय सेक्स लाइफ

विवाह के उपरांत एक सक्रिय और अच्छी सेक्स लाइफ सफल जीवन का बहुत बड़ा तोहफा है पर भारतीय पति पत्नी में सेक्स अभी भी पूरी तरह से ओपन हार्टड नहीं होता, कारण यहां की संस्कृति, गलतफहमियां, खुलकर बात न करना, अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति न करना आदि है।
सर्वेक्षणों ने सिद्ध किया है कि संतोषजनक यौन जीवन जीने वाले कपल्स में तलाक की संभावनाएं घटी हैं। अगर आप अपनी सेक्स लाइफ रोमांचपूर्ण चाहते हैं तो कुछ बातों पर विशेष ध्यान दें। कुछ टिप्स को आजमा कर आप अपनी सेक्स लाइफ बैटर बना सकते हैं।

सेक्स का अर्थ मात्रा सहवास ही नहीं होता। फोरप्ले के बिना यौन क्रिया सेक्स के रोमांच को जल्दी बोर बना देती है। महिलाएं अक्सर देर से उत्तेजित होती है और पुरूष जल्दी। इस तालमेल को बिठाने के लिए पुरूषों को पहले स्त्रिायों के अंगों के साथ फोरप्ले कर साथी को पर्याप्त उत्तेजित करना चाहिए। उसके पश्चात् सहवास क्रिया करें तो महिलाएं कई बार चरम सीमा तक पहुंच कर उसका पूरा आनंद उठा सकती हैं। कई बार संभोग का मन न हो तो फोरप्ले से भी काफी संतुष्टि दोनों को मिल जाती है।

अक्सर सेक्स के मामले में पुरूष ही पहल करते हैं पर ऐसा कोई नियम नहीं होना चाहिए। महिलाएं भी पहल कर सकती हैं। ऐसा करने से पार्टनर को लगेगा कि आप उन्हें पसंद करती हैं और उनका साथ चाहती हैं। इससे पति का आत्म विश्वास बढ़ता है। कि उसका अस्तित्व पत्नी की निगाह में है। महिलाएं चाहें तो कुछ सेक्सी बात कर, अपने नाइटवियर से, अपनी आदाओं से भी पहल कर सकती हैं। अगर पार्टनर न समझ पाए या जानबूझ कर अंजाना बने तो ऐसे में उनके अंगों को सहला कर उन्हें इशारा दे सकती हैं। पुरूष अक्सर अपने कपड़ों, टाई, वॉच, मोबाइल के मामलों में लापरवाह होते हैं, महिलाएं उतनी ही सजग होती है। अंतर यह है कि महिलाएं विवाह के चार पांच साल बाद अपने लिए थोड़ी लापरवाह हो जाती है और केवल बाहर निकलते समय ही वेल ड्रेस्ड होती हैं पर इसका भी सेक्स के रोमांच पर प्रभाव पड़ता है।

महिलाएं चाहती हैं कि उनका पार्टनर स्मार्ट दिखे, उसकी ड्रेस सेंस अच्छी हो, अच्छी मैचिंग टाई पहने, कलाई पर बढ़िया घड़ी हो, हाथ में अच्छा मोबाइल हो और गॉग्लस भी ब्रांडेड पहने। अक्सर लड़कियां ऐसे लड़कों को ही लिफ्ट देती हैं पर विवाह के उपरांत दोनों का रोल बराबर होता है। दिन में तो वेल ड्रेस्ड रहें ही, रात्रि में भी फ्रेश हो कर अच्छे नाइटवियर पहनकर बेड रूम में जाएं ताकि दोनों पार्टनर बेड में भी साथ लेटें तो उन्हें एक दूसरे में आकर्षण दिखाई दे। तभी तो आगे बढ़ेंगे।

अपनी सेक्स लाइफ को रोमांचक बनाने के लिए सेक्स में नए प्रयोग भी करें। नए प्रयोगों से हिचकें नहीं। यदि नया प्रयोग पसंद न आए तो अपने पार्टनर को स्पष्ट कर दें। इसमें रोमांच नहीं है या यह तकलीफदेह है। मिसेज कालरा जिनका विवाह हुए अभी दो माह हुए हैं, बताती हैं कि कपिल और वे हर दिन कुछ नया करने की कोशिश करते हैं। बड़ा मजा आता है। कभी-कभी तो वे कपिल से पूरी मस्ती करती हैं और कपिल को इनएक्टिव रहने के लिए कहती है। उन दोनों का मानना है कि जब तक प्रेग्नेंसी नहीं होती, वे जीवन को पूरा इंजाय करेंगे।

अगर पति या पत्नी दोनों में से किसी एक का मन हो तो प्रयास कर दूसरा भी अपने आप को तैयार कर ले। जरूरी नहीं कि मात्रा संभोग के लिए ही ऐसा हो। लिपट कर सोना, एक दूसरे को सहलाना, पुचकारना, चूमना आदि भी काफी रोमांचक होता है। अगर पार्टनर से पूरा सहयोग मिले तो बहुत आनन्द आता है। बिना सहयोग के यह संभव नहीं। इन सबसे भी संतुष्टि मिलती है। सफल विवाह में आपसी सहयोग का अहम रोल होता है।

सेक्स में रोमांच बना रहे, इसके लिए अपने बेड रूम का प्रयोग बस रात्रि में सोने के लिए करें ताकि अपने कमरे में जाने का इंतजार बना रहे। अगर आप रात्रि में वहीं खाना खाते हैं और टीवी देखते देखते वहीं सो जाते हैं तो आपको मजा नहीं आएगा। करके देखिये। अंतर स्वयं जान जाएंगे।

पत्नी को शाम 7-8 बजे तक कमरा साफ कर अच्छी बेड शीट बिछा देनी चाहिए। डिम लाइट जलती रहे। हो सके तो कोई हल्की परफ्यूम भी बेड पर छिड़क दें। जब शयन हेतु आप अपने कमरे में जाएं तो साफ बेड और सुगंधित कमरे में लेटने का मजा कुछ और ही है। इससे मन रोमांटिक हो उठेगा। बच्चों को भी उस कमरे में खेलने के लिए हतोत्साहित करें। उन्हें सिटिंग रूम में ही बैठने खेलने की आदत डालें।

सेक्स बहुत बड़ा विषय है। सबकी जानकारी हर इंसान को नहीं होती। कुछ गलतफहमियां भी होती हैं। अपनी गलतफहमियों को दूर करने के लिए सेक्स विशेषज्ञ से जानकारी प्राप्त करें या फिर अच्छा यौन साहित्य पढ़ें। इंटरनेट का सहारा भी ले सकती हैं। ज्ञान का भंडार है इंटरनेट।

बहुत सी महिलाओं को गलतफहमी होती है कि रजोनिवृत्ति के बाद सेक्स हमारे वैवाहिक जीवन से आउट हो जाता है। ऐसा बिलकुल नहीं है। रजोनिवृत्ति हमारे जीवन का एक चक्र है और इसके पश्चात् भी महिलाएं यौन का आनंद उठाते रह सकती हैं। यह सही है कि रजोनिवृत्ति के पश्चात् महिलाओं में शुष्क योनि आदि की समस्याएं होती हैं किंतु इन्हें उचित चिकनाई के प्रयोग से हल किया जा सकता है। मुख्य बात यह है कि आप यह न समझें कि रजोनिवृत्ति के पश्चात् यौन जीवन का अंत हो गया है। जो महिलाएं गलतफहमी के कारण यौन विमुख हो जाती हैं, उनके पति उनसे धीरे-धीरे कटने लगते हैं और आपसी मतभेद बढ़ने लगते हैं।

यूं तो हमारे यौनांग हमारे जंघामूल में स्थित होते हैं पर इनका नियंत्राण हमारे दिमाग द्वारा किया जाता है। जब तक हमारा दिमाग यौन संबंधों में रूचि लेता है, यौनांगों को सक्रिय रखा जा सकता है। अंग्रेजी में एक कहावत है, ‘यूज़ इट लूज़ इट’। जो पति पत्नी किन्ही कारणों वश कुछ समय तक यौन संबंधों से दूर हो जाते हैं, वे बाद में यौन सक्रिय होने में कठिनाई का अनुभव करते हैं।

अपने पार्टनर के दूर होने की स्थिति में हस्तमैथुन द्वारा अपने यौन अंगों को सक्रिय रखा जा सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि अपने दिमाग में यह कभी न आने दें कि अब हमें इन संबंधों की क्या जरूरत है। अब हमारी उम्र हो चुकी है। विदेशों में तो लोग 80 वर्ष की आयु के पश्चात् भी यौन सक्रिय रहते हैं। इसे अपने जीवन का एक आवश्यक अंग ही समझें।

इस प्रकार इन सब टिप्स को पढ़ने के बाद अपने जीवन में उन्हें ढालने का प्रयास करें ताकि आप अपनी सेक्स लाइफ को रोमांचक बनाए रख सकें।

आलेख में व्यक्त लेखक के विचार निज हैं। इससे हमारे प्रबंधन का कोई सरोकार नहीं है।

(स्वास्थ्य दर्पण)

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