देश विरोधी शक्तियां चाहे जो प्रचारित करे लेकिन सरकार अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

देश विरोधी शक्तियां चाहे जो प्रचारित करे लेकिन सरकार अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

हाल के वर्षों में सरकार ने देश भर में अल्पसंख्यक समुदायों के उत्थान के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन की गई कई कल्याणकारी योजनाएँ और नीतियाँ शुरू की हैं। हालांकि, अमेरिका से लेकर देश की पतिपक्षी पार्टियां और कुछ राष्ट्र व समाज विरोधी शक्तियां लगातार यह प्रचार कर रही है कि भारतीय अल्पसंख्यकों को सरकारी तौर पर न केवल परेशान किया जा रहा है, अपितु सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में भी उनकी हिस्सेदारी ना के बराबर है। आजकल राजनीतिक आख्यान अक्सर सुर्खियों में छाए रहते हैं, जबकि ज़मीन पर की स्थिति कुछ अलग ही चित्र पस्तुत कर रहा है। धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों पर एक अध्ययन में बताया गया है कि भारत के अल्पसंख्यकों की स्थति दुनिया के अन्य किसी विकासशील देश से बेहतर है। खासकर अगल-बगल के देशों में से कई गुणा अच्छी स्थिति में भारतीय अल्पसंख्यक हैं।

बता दें, पहल दर्शाती हैं कि कल्याण और राजनीति अलग-अलग ट्रैक पर काम कर करते हैं। इसमें पूर्व में वास्तविक सामुदायिक उत्थान को प्राथमिकता दी जाती है। सरकार के दृष्टिकोण के केंद्र में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री का 15-सूत्री कार्यक्रम है। इस व्यापक पहल का उद्देश्य विभिन्न सरकारी योजनाओं में अल्पसंख्यकों के लिए समान हिस्सेदारी सुनिश्चित करना है, जिसमें शैक्षिक अवसरों को बढ़ाने, रहने की स्थिति में सुधार करने और आर्थिक अवसर प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह कार्यक्रम समावेशिता को बढ़ावा देने और अल्पसंख्यक समुदायों की विशिष्ट आवश्यकताओं को संबोधित करने के लिए एक व्यापक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

अल्पसंख्यक महिलाओं के बीच नेतृत्व विकास के लिए एक योजना, नई रोशनी, चलाई है। इसका उद्देश्य अल्पसंख्यक महिलाओं को सशक्त बनाना है। उसमें नेतृत्व क्षमता का विकास करना है। नेतृत्व प्रशिक्षण प्रदान करके, यह पहल आत्मविश्वास पैदा करने और अल्पसंख्यक महिलाओं को अपने समुदायों के भीतर निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में सक्रिय रूप से भाग लेने में सक्षम बनाने का प्रयास करती है। यह सशक्तिकरण लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि अल्पसंख्यक पृष्ठभूमि की महिलाओं की आवाज़ बुलंद हो।

शिक्षा, सामाजिक-आर्थिक गतिशीलता के लिए एक शक्तिशाली साधन है और पढ़ो परदेश योजना विदेश में अध्ययन करने वाले अल्पसंख्यक छात्रों के लिए एक बेहतर अवसर प्रदान करता है। इस योजना के तहत सरकार शैक्षिक ऋण में ब्याज पर सब्सिडी प्रदान करती है। अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थी इसका खूब लाभ उठा रहे हैं और अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ा कर अपने और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं। इससे वैश्विक शिक्षा के अवसरों तक पहुँचने में उन्हें आसानी हो रही है।

सरकार अल्पसंख्यक युवाओं के भविष्य में निवेश कर रही है। अकादमिक उत्कृष्टता को बढ़ावा दे रही है और उनके क्षितिज को व्यापक बना रही है। यूएसटीटीएडी (विकास के लिए पारंपरिक कला/शिल्प में कौशल और प्रशिक्षण को उन्नत करना) पहल एक है। अल्पसंख्यक समुदायों की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए उनकी आर्थिक संभावनाओं को बढ़ाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। कौशल विकास और बाजार संपर्क प्रदान कर, सरकार यह सुनिश्चित करती है कि पारंपरिक शिल्प न केवल संरक्षित हों बल्कि व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य भी हों, जिससे स्थायी आजीविका का सृजन हो।

नई मंजिल उन अल्पसंख्यक युवाओं की शैक्षिक कमी को दूर करती है, जिनके पास औपचारिक शिक्षा नहीं है। शिक्षा को कौशल प्रशिक्षण के साथ एकीकृत करके, इस पहल का उद्देश्य युवा व्यक्तियों को रोजगार सुरक्षित करने और अपनी आजीविका में सुधार करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना है। यह शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है। यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी पीछे न छूटे।

सीखो और कमाओ योजना अल्पसंख्यक युवाओं को विभिन्न ट्रेडों में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करती है, जिसका उद्देश्य उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाना और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। प्रदर्शन और बिक्री के अवसरों को सुगम बनाकर, यह पहल न केवल पारंपरिक शिल्प को संरक्षित करती है, बल्कि कारीगरों के लिए आर्थिक संभावनाओं को भी बढ़ाती है। यह सुनिश्चित करती है कि उनकी प्रतिभा को पहचान मिले और पुरस्कृत किया जाए। प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाएँ विभिन्न शैक्षिक स्तरों पर अल्पसंख्यक छात्रों को आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। ड्रॉपआउट दरों को कम करके और उच्च शिक्षा को बढ़ावा देकर, ये छात्रवृत्तियाँ अधिक शिक्षित और सशक्त अल्पसंख्यक आबादी के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

अल्पसंख्यक उद्यमियों को रियायती ऋण प्रदान करता है। व्यवसाय और स्वरोजगार उपक्रमों को बढ़ावा देता है। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाकर और अल्पसंख्यक समुदायों की वित्तीय स्थिति में सुधार करके, एनएमडीएफसी आर्थिक सशक्तिकरण के व्यापक लक्ष्य का समर्थन करता है। ये कल्याणकारी उपाय अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण के लिए सरकार की वास्तविक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

शिक्षा, कौशल विकास, आर्थिक अवसरों और सांस्कृतिक संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करके, इन योजनाओं का उद्देश्य एक समावेशी और समतावादी समाज बनाना है। जबकि राजनीतिक आख्यान कभी-कभी इन प्रयासों को दबा देता हैं। अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा अनुभव किए जाने वाले मूर्त लाभ इन पहलों के वास्तविक प्रभाव को उजागर करते हैं। अंततः, ये कल्याणकारी उपाय दर्शाते हैं कि जमीनी स्तर पर राजनीति और कल्याण स्पष्ट रूप से भिन्न है। सरकार वास्तव में अल्पसंख्यक सामुदाय के उत्थान में लगी है जबकि राजनीति करने वाले और देश को अशांत करने वाली शक्तियां केवल और केवल अल्पसंख्यकों को भड़काने में लगी है।

(आलेख में व्यक्त विचार लेखिका के निजी हैं। इससे हमारे प्रबंधन का कोई सरोकार नहीं है।)

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