रांची/ राजभवन के समीप झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ के द्वारा आयोजित राज्यपाल सह कुलाधिपति तथा मुख्यमंत्री के ध्यानाकर्षण हेतु अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम को शनिवार को समाप्त कर दिया गया। यह कार्यक्रम विगत चैबीस दिनों से लगातार जारी था। इस आन्दोलन में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों व अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत सैकड़ों घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापक भाग ले रहे थे।
इस मौके पर रांची विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. अजीत कुमार सिन्हा, प्रतिकुलपति प्रो. कमानी कुमार, कुलसचिव प्रो. मुकुंद चंद मेहता आदि गणमान्य पदाधिकारियों उपस्थि थे। अनुबंधित प्राध्यापकों ने अपना आन्दोलन इसलिए स्थगित कर दिया क्योंकि अब विवि में कई प्रकार के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कार्य होने हैं। आन्दोलनकारी शिक्षकों के एक नेता ने बताया कि अभी विवि में मूल्यांकन कार्य पूरा नहीं होने के वजह से ससमय परीक्षाफल प्रकाशित नहीं हो पा रहा है। ऐसे भी सत्र पीछे चल रहा है। नए सत्र में पढ़ाई भी शुरू करवानी है। इन तमाम कार्यों को देखते हुए आन्दोलनरत शिक्षकों ने आन्दोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया।
इस मौके पर कुलपति सिंहा ने कहा कि आप सहायक प्राध्यापकों की सभी मांगे जायज है। इसमें सरकार को अभिलम्ब विचार करना चाहिए। मैं तो मानता हूं की घंटी आधारित मापदण्ड होने के वजह से वेतन में भी काफी असमानता एवं विसंगतियां के साथ साथ पारिश्रमिक भी कम है। आप सहायक प्राध्यापकों को हर हाल में यू.जी.सी. ग्रेड पे के अनुसार निश्चित मानदेय मिलना ही चाहिए। ऐसे भी किसी शिक्षक को पांच सालो तक घंटी में बांध कर नहीं रखा जा सकता। अब आप प्राध्यापकों का नेचर ऑफ जॉब चेंज होना ही चाहिए। उन्होंने पूरा भरोसा दिलाते हुए कहा कि मैं सरकार से बात करूंगा और उनसे अनुरोध करूंगा कि इन्हे समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाय एवम इन्हें क्यों नहीं नियमित कर दिया जाए जब इनकी बहाली ही यू.जी.सी. के नॉर्मस और मापदंडों के अनुसार हुई है। राज्य में ऐसे भी उच्च शिक्षा की व्यवस्था चरमराई हुई है। विश्विद्यालयों और कॉलेजों में हजारों पोस्ट अभी भी रिक्त पड़े हैं। इसलिए आप सभी शिक्षक से अनुरोध है कि तत्काल अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन को स्थगित करते हुए अपने अपने कार्यों में लौट जाइए। तदानोपरांत उपस्थित सभी सहायक प्राध्यापकों ने ध्वनि मत से स्वीकार करते हुए हड़ताल को खत्म कर दिया गया।
इस क्रम में रांची विश्विद्यालय के पदाधिकारियों ने सभी अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को जूस पिलाकर धरना प्रदर्शन को स्थगित कराया गया। विश्विद्यालय के द्वारा इस कार्य की सभी प्राध्यापकों ने भूरी-भूरी प्रशंसा की।