बिहार/ आरक्षण की सीमा पर सर्वाेच्च न्याय, हाईकोर्ट के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट की मोहर

बिहार/ आरक्षण की सीमा पर सर्वाेच्च न्याय, हाईकोर्ट के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट की मोहर

नयी दिल्ली/पटना/ बिहार सरकार ने नवंबर 2023 में आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया था। पटना उच्च न्यायालय ने इसे निरस्थ कर दिया। इसके बार बिहार सरकार सर्वाेच्च न्यायालय चली गयी। आज सर्वाेच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के निर्णय को सही ठहराया।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार सरकार को तगड़ा झटका दिया। शीर्ष अदालत ने वंचित वर्ग के लिए आरण 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने के फैसले पर रोक बरकार रखी। इस मामले पर विस्तृत सुनवाई सितंबर में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह फिलहाल पटना हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाएगा।

बिहार सरकार ने एससी/एसटी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 50 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 65 फीसदी करने का फैसला लिया था। जिसे पटना हाईकोर्ट ने असंवैधानिक बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

बिहार सरकार ने 50 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 65 फीसदी करना चाहती थी। राज्य सरकार ने यह कानून विधानसभा में नौ नवंबर 2023 को पास किया था. यह फैसला पिछले साल हुई जाति जनगणना के बाद लिया था। आरक्षण की सीमा बढ़ाने का लाभ ओबीसी, एससी, एसटी और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को मिलना था।

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