दारू पीने वालों के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश ने की गंभीर टिप्पणी, मुआवजा देने से किया इन्कार

दारू पीने वालों के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश ने की गंभीर टिप्पणी, मुआवजा देने से किया इन्कार

पटना/ बिहार विधानमंडल में शीतकालीन सत्र के चैथे दिन शुक्रवार को विधानसभा में शराब से मौतों पर जोरदार बहस के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दारू पीने वालों के प्रति हमारी कोई हमदर्दी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि दारूबंदी करने का निर्णय मेरे कोई निजी नहीं था। उस निर्णय में सारे सदस्य शामिल थे। यदि विपक्ष घोषित रूप से इस निर्णय को वापस लेने के लिए कहे तो हम विचार करेंगे।

विधानसभा में इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ। कुर्सियां पटकीं गईं। विपक्षी सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर राजभवन पहुंच गया। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से मृतकों के परिवार को 10-10 लाख का मुआवजा देने की मांग की। मुख्यमंत्री ने इस मांग को अस्वीकार करते हुए कहा कि इन लोगों से हमें कोई हमदर्दी नहीं है। सभी ने दारु पी थी। कोई मुआवजा हम नहीं देंगे।

विधानसभा में हंगामे के बाद भाजपा विधायक राजभवन के लिए निकले। भाजपा ने राज्यपाल से सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। भाजपा मुख्यमंत्री से उनके व्यवहार के लिए माफी मांगने पर अड़ी है। भाजपा विधायक वेल में पहुंचकर हंगामा करते रहे। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने शराबकांड के लिए सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने मृतकों के परिवार के लिए 10-10 लाख के मुआवजे की मांग की है। इसके साथ कहा कि मुख्यमंत्री मौतों की जिम्मेदारी लें और अस्पताल में भर्ती लोगों का बेहतर इलाज करवाएं।

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि गुरुवार शाम भाजपा विधायकों का एक दल इन गावों में गया था। हमने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। आंकड़े छिपाने के लिए जबरदस्ती शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है। 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। लोगों को ना इलाज मिला और ना अभी मिल रहा है।

विजय सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री का ये बयान कि जो पिएगा वो मरेगा ये गैर जिम्मेदाराना है। मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। कुर्सी की लालच में तेजस्वी भी उनकी हां में हां कर रहे हैं। 2021 में तेजस्वी ने नीतीश को शराब माफिया बताया था। तेजस्वी गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हैं।

विजय कुमार सिन्हा ने विधानसभा अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज जनता को लेकर उठ रही है उसे दबाने की कोशिश की जा रही है। एसआईटी की जांच सिर्फ दिखावे के लिए की जा रही है। हाई कोर्ट के जज के माध्यम से इस घटना की जांच हो। गुरुवार को ही भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल जहरीली शराब कांड में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने छपरा गया था। वहां से आने के बाद भाजपा के विधायक ज्यादा उग्र होंगे।

उल्लेखनीय है कि छपरा में मंगलवार रात से लेकर शुक्रवार शाम तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है। इसे लेकर भाजपा महागठबंधन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रही है। भाजपा नीतीश के इस्तीफे पर अड़ी हुई है। इसके साथ मुख्यमंत्री पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »