रांची में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके, नेपाल में था केन्द्र, 70 लोगों की मौत

रांची में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके, नेपाल में था केन्द्र, 70 लोगों की मौत

रांची/ रांची सहित झारखंड के कई जिलों में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। चूंकि यह झटका बेहद कमजोर था इसलिए किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। मौसम विज्ञान विभाग की ओर से बताया गया है कि बीती राज 11.32 बजे भूकंप महसूस किया गया।

इसका केन्द्र नेपाल का तराई क्षेत्र बताया जा रहा है। बता दें कि 31 अक्टूबर की रात को भी झारखंड के कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पैमाने पर 3.7 मापी गई थी। इसके कारण दुमका सहित संताल परगना प्रमंडल के कई हिस्सों में भूकंप महसूस किया गया। लेकिन जिस वक्त भूकंप आया, उस दौरान अधिकांश लोग सो रहे थे, इस कारण आम लोगों को इसका अनुभव नहीं हुआ। बाद में लोगों को इसकी जानकारी मिली।

झारखंड में मंगलवार तड़के 3.7 तीव्रता के भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। रांची मौसम विज्ञान केन्द्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने बताया कि भूकंप के झटके सुबह 3.22 मिनट पर महसूस किए गए।

अभिषेक आनंद ने बताया कि इसका केन्द्र दुमका जिले से 24 किलोमीटर उत्तर-उत्तर पूर्व में जमीन से पांच किलोमीटर की गहराई पर था। उन्होंने कहा कि ये हल्के झटके थे।

एक खबर में बताया गया है कि बीते कल यानी शुक्रवार रात को दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। यहां से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटके आने से लोग घबरा गए और घरों से बाहर आ गए। भूकंप के झटके बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में भी महसूस किया गया है। खबर है कि इस भूकंप के कारण ऊंची इमारतों में रहने वाले कई लोग बाहर निकल आए।

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) ने जानकारी देते हुए बताया कि भूकंप का केंद्र नेपाल में अयोध्या से लगभग 227 किलोमीटर उत्तर और काठमांडू से 331 किलोमीटर पश्चिम उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई में था।

जानकारी के अनुसार, भूकंप रात 11 बजकर 32 मिनट 54 सेकेंड पर आया। इसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.4 मापी गई है। इस भूकंप के एक घंटे बाद भूकंप का एक और झटका महसूस किया गया। भूकंप के झटके आने पर लोग घबराकर अपने अपने घरों और ऑफिसों से बाहर निकल गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए भूकंप की सूचना दी।

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, रात 12 बजकर 14 मिनट पर 3.5 तीव्रता का एक और भूकंप रिकॉर्ड किया गया है। नेपाल से सटे बिहार में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां देर रात 11.32 बजे दो झटके महसूस हुए। सीवान में दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके अलावा बिहार के कटिहार, मोतीहारी तथा पटना में भी भूकंप आने के बाद अफरातफरी में लोग घर से बाहर निकले।

भूकंप के झटके उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बस्ती, बाराबंकी, फिरोजाबाद, अमेठी, गोंडा, प्रतापगढ़, भदोही, बहराइच, गोरखपुर और देवरिया जिलों में भी महसूस किए गए। भूकंप का असर उत्तराखंड में देखा गया। यहां झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर खुली जगह पर आ गए।

इधर झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी भूकंप के झटके महसूस हुए। वहीं, हरियाणा में भी देर रात भूकंप के झटके महसूस हुए। मध्य प्रदेश में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, सतना और रीवा में रात करीब 11.30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए।

नेपाल में शुक्रवार देर रात आए 6.4 तीव्रता के भीषण भूकंप के बाद कम से कम 70 लोगों के मारे जाने की खबर है। इस बात की पुष्टि नेपाली अधिकारियों ने भी की है।

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने भूकंप से हुई क्षति को लेकर दुख जताया है। नेपाल पीएमओ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने शुक्रवार रात 11.47 बजे जजरकोट के रामीडांडा में आए भूकंप से हुई क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया है और घायलों के तत्काल राहत और बचाव के लिए 3 सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया गया है।

पिछले महीने भी दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तीन अक्टूबर को नेपाल में एक घंटे के भीतर कई भूकंप आने के बाद दिल्ली में तेज झटके महसूस किए गए थे। बीते एक महीने में यह तीसरा मौका है जब इस प्रकार के भूकंप की घटनाएं हुई हैं। बता दें कुछ दिन पहले नेपाल में 4.6 और 6.2 तीव्रता के भूकंप 25 मिनट के भीतर आए थे और फिर 3.8 तीव्रता का तीसरा भूकंप 15 मिनट बाद और 3.1 तीव्रता का चैथा भूकंप 13 मिनट बाद आया था।

हालांकि झारखंड भूकंप के खतरनाक जोन में नहीं आता है लेकिन बिहार के मैदानी भाग में यदि झारखंड से सटे किसी भी जिले में भूकंप की बड़ी घटना हुई तो उससे झारखंड में बड़ी तबाही आ सकती है। वैसे झारखंड के लोग अभी तक भूकंप के खतरे से अंजान हैं लेकिन, हाल के वर्षों में लगातार आए भूकंप के झटकों ने सबको चैंका दिया है। राज्य के कई जिले भूकंप के जोन तीन, चार और पांच में हैं। हमारी रांची जोन तीन में है।

अगर, यहां कभी भूकंप आया तो रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6 से अधिक हो सकती हैै। वैसे, जमीन पठारी और पुराना क्रस्ट होने के कारण यहां भूकंप का केंद्र तो नहीं बन सकता है, पर सीमावर्ती बिहार, यूपी, पश्चिम बंगाल व ओडिशा में भूकंप का केंद्र हुआ, तो भी यहां बड़ा नुकसान हो सकता है। यह दावा रांची जिले के आपदा प्रबंधन पदाधिकारी मनोज कुमार सिंह ने किया है।

सोमवार को तड़के 4रू48 बजे रांची सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। इसके बाद सुबह 8रू05 बजे दूसरी बार झटके महसूस किए गए। इस दौरान 8 से 10 सेकेंड तक धरती कांपती रही। लोग घरों से बाहर निकल गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 बताई गई। लेकिन किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।

जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी मनोज कुमार सिंह बताते हैं कि रांची समेत राज्य के प्रमुख जिलों में भूकंप से निबटने की कोई खास तैयारी नहीं है। क्योंकि यहां के लोगों के मन में यह बैठा है कि यहां भूकंप आने से ज्यादा नुकसान नहीं हो सकता है। इसलिए लोग सचेत नहीं हैं। जबकि भूकंप के जोन एक और दो वाले क्षेत्रों के लोग पूर्व में हुई बर्बादी को याद कर भूकंप के नाम सेे ही कांप जाते हैं। लेकिन पिछले साल रांची में आए भूकंप से मकानों को हुए नुकसान को देखते हुए अब यहां के लोगों को भी पूरी तरह अलर्ट रहना होगा।

रांची समेत सभी जिलों में भूकंपरोधी निर्माणों पर जोर देना होगा। क्योंकि अबतक जो भी निर्माण हुए हैं। उन्हें भूकंप के तेज झटकों से नहीं बचाया जा सकता है। मनोज कुमार के अनुसार, लेकिन रेक्टोफीड नामक तकनीक के इस्तेमाल से बहुमंजिली इमारतों को भी मजबूत किया जा सकता है। बिल्डिंग बॉयलॉज में सरकार के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।

तीव्रता 4 से ऊपर रहने पर कच्चे-पक्के मकानों या फिर बड़े फ्लोर वाले अपार्टमेंट को नुकसान पहुंच सकता है। लेकिन यदि सीमावर्ती राज्यों बड़े तीव्रता वाले भूकंप आते हैं तो इसका असर निश्चित ही झारखंड पर पड़ेगा, कंपन अधिक होगी।

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