नहीं रहे किसानों के आदर्श नेता अतुल कुमार अंजान, पार्टी ने तीन दिनों तक शोक मनाने का लिया निर्णय

नहीं रहे किसानों के आदर्श नेता अतुल कुमार अंजान, पार्टी ने तीन दिनों तक शोक मनाने का लिया निर्णय

रांची/ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सह झारखंड प्रभारी कॉम. अतुल कुमार अनजान नहीं रहे। उनके असामयिक निधन से झारखंड सहित पूरे देश में शोक व्याप्त है। कॉम. अंजान के निधन पर पार्टी ने तीन दिन के शोक की घोषणा की है। अंजान के सम्मान में पार्टी ने अपना झंडा झुका दिया है। यह आगामी तीन दिनों तक झुका रहेगा।

कॉम अतुल सीपीआई के बौद्धिक संपदा थे। जिसकी भरपाई अगले कई दशक तक नहीं हो सकती है। सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव सह अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव, प्रखर वक्ता कई भाषाओं के जानकर हर दिल अजीज कॉम अतुल कुमार अनजान के असामयिक निधन पर राज्य सचिव महेन्द्र पाठक और राज्य कार्यकारणी के सदस्य अजय कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा है की कामरेड अतुल कुमार अनजान सीपीआई के बौद्धिक संपत्ति थे। दोनों साम्यवादी नेता ने कहा कि अंजान निर्भीक और बेबाक टिप्पणी करने वाले नेता थे। संघर्ष की राह उन्हें विरासत में मिली थी। उनके पिताजी कॉम. ए पी सिंह विख्यात स्वतंत्रता सेनानी थे। एपी सिंह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के कई आंदोलनों में बढ़ चढ़ कर भाग लिया और कई वर्षाे तक जेल में रहे।

कॉम. अंजान 20 साल की उम्र में नेशनल कॉलेज के प्रेसिडेंट और 60 के दशक सीपीआई के मेंबर बने। अंजान एआईएसएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में राष्ट्रीय सचिव एवं अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव थे। अंजान ने कई आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई। खासकर उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध पुलिस पीएसी रिवॉल्ट एक्ट में लगमग 5 वर्ष तक जेल में रहे। स्वामीनाथन कमीशन में किसानों के उत्थान के सुझाव, किसानों को मानसिक पेंशन, एमएसपी की गारंटी, बिना ब्याज के किसानों को ऋण मिले आदि काम और मांग किसानों के हितों के लिए किया।

कॉम. अंजान का झारखंड से विशेष लगाव था। कई रैलियों और आम चुनावों में उनके ओजस्वी भाषण अनंत तक सुनाई देती रहेगी। अभी हाल में जंतर मंतर पर इंडिया घटक दलों के द्वारा एचईसी के मसले पर दिए गए धरना में शामिल होकर उन्होंने मजदूरों को आत्मबल प्रदान किया। इसके कारण इस आन्दोलन को बल मिला। इस प्रकार का व्यक्तित्व दुनिया में कम ही देखने को मिलता है।

अभी हाल ही में उन्होनें अपने एक साक्षात्कार में कहा था ‘‘तू जिंदा है तो जिन्दगी की जीत पर यकीन कर, अगर कही स्वर्ग है तो उतार ला जमी पर।’’ अंजान की मृत्यु पर भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी झारखंड राज्य परिषद 3 दिनों का शोक मनाएगी और पार्टी का झंडा झुका रहेगा।

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