शिमला/ खड़ापत्थर में करोड़ों साल पुराने जीवों के अवशेष मिलने से इस बात की उत्सुकता बढ़ गई है कि क्या किसी दौर में यहां भी बड़े जीव-जंतु रहा करते थे इसकी जांच के लिए जीवाश्म विशेषज्ञ बुलाए जाने की बात कही जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में शिमला स्थित जुब्बल के सेब बहुल क्षेत्र खड़ापत्थर में जीवाश्म मिला है। कहा जा रहा है कि यह डायनासोर काल का यानी आज से करीब 91 लाख वर्ष पुराना हो सकता है। वन विभाग की टीम ने इसे निरीक्षण के दौरान देखा। अब इसकी उम्र के संबंध में जानने के लिए जीवाश्म विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे। यूरोप के बाद यह पहला ऐसा इलाका होगा जहां विश्वभर के विशेषज्ञ आएंगे। राज्य संग्रहालय के क्यूरेटर डॉ. हरि चैहान ने इसकी पुष्टि की है। वह दस मई तक इसके सैंपल लेने खड़ापत्थर जाएंगे। चैहान, बीते बुधवार शाम को मौके पर गए थे, लेकिन बारिश के कारण सैंपल नहीं लिया जा सका।
उन्होंने माना कि यह जियोलॉजिकल फॉरमेशन तो है ही, जीवाश्म भी हो सकता है। अगर जियोलॉजिकल फॉर्मेशन हुआ तो भी बड़ी बात है। 30 अप्रैल को वन विभाग की टीम डीएफओ सीबी तहसीलदार, रेंजर देसराज महाजन, वनरक्षक विकास ठाकुर, रणवीर के साथ खड़ापत्थर क्षेत्र में निरीक्षण कर रही थी। इस दौरान बजरी वाली जगह पर उन्हें खड़ापत्थर-शिलाघाट रास्ते के साथ वनस्पति जीवाश्म दिखाई दिया। जीवाश्म की तस्वीर डॉ. हरि चैहान को दिखाई गई।
जीवाश्म की जांच करने के लिए वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान देहरादून से विशेषज्ञ आएंगे। इसके लिए लखनऊ से भी जीवाश्म वैज्ञानिक बुलाएं जाएंगे। जरूरत पड़ी तो विदेश से भी विशेषज्ञों को हिमाचल बुलाया जाएगा। क्यूरेटर हरी चैहान ने इसकी पुष्टि की है।
बता दें कि पृथ्वी पर किसी समय जीवित रहने वाले अति प्राचीन सजीवों के परिरक्षित अवशेषों या उनके द्वारा चट्टानों में छोड़ी गई छापों को जो पृथ्वी की सतह या चट्टानों की परतों में सुरक्षित पाए जाते हैं, उन्हें जीवाश्म कहते हैं। विभिन्न प्रकार के जीवाश्मों के निरीक्षण से पता चलता है कि पृथ्वी पर अलग-अलग काल में भिन्न-भिन्न प्रकार के जीव पाए जाते थे।