चंडीगढ़/ हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश प्रवक्ता एवं प्रमुख व्यापारी नेता डा. राजकुमार गोयल का कहना है कि केंद्र सरकार ने आज जो बजट पेश किया है उसमें इनकम टैक्स स्लेब में कोई बड़ी राहत नहीं दी गई है जिसके चलते हम कह सकते है कि व्यापारियों व आम आदमी के लिए यह बजट ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुआ है।
गोयल का कहना है कि इस बार इनकम टैक्स में कम से कम 10 लाख रुपये तक की पूरी छूट अवश्य दी जानी चाहिए थी। इसके अलावा 10 लाख से उपर की स्लेबों में भी टैक्स की दर काफी कम की जानी चाहिएं थी लेकिन सरकार ने इन्कम टैक्स स्लेब में यह छुट नही बढ़ाई।
गोयल का कहना है कि आज महंगाई कहां से कहां पहुंच गई है लेकिन इन्कम टैक्स की स्लेब वही अटकी पडी है। अगर केन्द्र सरकार हर साल भी इनकम टैक्स की छूट 1 लाख रुपये बढाती तो मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में यह छुट काफी बढ जानी थी लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया जिससे व्यापारियो व आमजन को निराशा ही हाथ लगी है।
गोयल का कहना है कि कपडा, साडी जैसी आइटमों पर देश की आजादी के बाद से लेकर लगातार टैक्स की छूट थी उन आइटमों पर भी इस सरकार ने जीएसटी लगाने का काम किया था। सरकार ने कफन तक को नही छोडा था। उस पर भी टैक्स लगा दिया गया था।
इन आइटमों को लगातार जीएसटी से बाहर करने की मांग की जा रही थी। इस बार के बजट में उम्मीद थी कि इन आइटमों को जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया जाएगा लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।
इसके अलावा फर्नीचर जैसी आइटमें जो एक पिता अपनी बेटी की शादी में विदाई के समय दहेज के रूप में देता है जिन पर 18 फीसदी टैक्स है उन्हे घटाकर ज्यादा से ज्यादा 5 फीसदी किया जाना चाहिए था लेकिन इस तरह की आइटमों पर भी एक रुपये की छूट तक नहीं दी गई।
गोयल का कहना है कि इस बजट में हरियाणा के लिए कोई बड़ी औद्योगिक परियोजना की घोषणा नहीं की गई। सरकार से उम्मीद थी कि जीन्द जैसे पिछड़े इलाके को सरकार रुद्रपुर और बदी जैसे क्षेत्र की तर्ज पर टैक्स फ्री विशेष आर्थिक जोन घोषित करेगी जिससे हजारों बडे उद्योग लग सकेंगे और कई हजार करोड़ रुपये का सलाना कारोबार हो सकेगा और लाखों लोगों को रोजगार मिल सकेगा लेकिन सरकार ने बजट में ऐसी भी कोई बड़ी घोषणा नहीं की।
उन्होंने कहा, इसके चलते व्यापारियों व आमजन के साथ साथ प्रदेशवासियों को भी काफी निराशा लगी है और यह बजट एक जुमला ही साबित हुआ है।