शिमला/ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कोरोना काल में दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे। इस मामले में उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला राजनीतिक नहीं, बल्कि उनका दायित्व होने के साथ-साथ मानवीय सरोकार से जुड़ा है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को ऐलान किया कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के मामले वापस ले लिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा, जब पूरी दुनिया लॉकडाउन के दौरान मुश्किल दौर से गुजर रही थी, तब कई लोग ऐसे थे जो दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे थे। कुछ ऐसे लोग थे जो दवाओं और अन्य जरूरी वस्तुओं की व्यवस्था करने के लिए बाहर जाने के लिए मजबूर थे। कुछ लोग अपने प्रियजनों को महामारी से बचने के लिए आशा की किरण के साथ दर-दर भटक रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, कई अन्य लोग थे जो बेघर थे, सड़कों पर रातें बिता रहे थे, मदद की उम्मीद कर रहे थे और अपने परिवारों को खिलाने के लिए भोजन की तलाश कर रहे थे। उनके पास लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। सामाजिक और पारिवारिक सरोकारों के निर्वहन में आपराधिक प्रवृत्ति नहीं होती। कोरोना काल में जिन लोगों ने नियमों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया वे साधारण लोग थे। उनके क्रियाकलापों में आपराधिक प्रवृत्ति का बोध नहीं था।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ऐसे लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ही प्रदेश सरकार ने कोरोना दिशा-निर्देशों की अवहेलना को लेकर दर्ज किए गए मामले तुरंत प्रभाव से वापस लेने का निर्णय लिया है। इससे इन लोगों को मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलेगी और वह अपने कार्य और ऊर्जा एवं दक्षता से करने में सक्षम होंगे।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह फैसला राजनीतिक नहीं, बल्कि उनका दायित्व होने के साथ-साथ मानवीय सरोकार से जुड़ा है। कोरोना काल के दौरान कोविड प्रोटोकॉल और कोविड नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सरकार ने मामले दर्ज करवाए थे। इसमें ज्यादातर मामले लोगों द्वारा बिना मास्क पहने हुए सार्वजनिक स्थानों पर जाने के थे।