नयी दिल्ली/ अहमदाबाद/ उदयनिधि स्टालिन, प्रियांक खर्गे तथा ए. राजा के विवादित बयान पर हिन्दू जनजागृति समिति ने कड़ा रुख अपनाते हुए तीनों नेताओं को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है। समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे एक बयान जारी कर कहा है कि विश्वबंधुत्व की सीख देकर सभी का समावेश करनेवाले ‘सनातन धर्म’ की डेंगू, मलेरिया, कोरोना, एड्स तथा कुष्ठरोग जैसे रोगों से तुलना कर ‘सनातन धर्म’ को नष्ट करने की बात करनेवाले तमिलनाडु के खेलमंत्री उदयनिधि स्टालिन, कर्नाटक के ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खर्गे तथा तमिलनाडु के द्रमुक सांसद ए. राजा ने पूरे देश के करोडों हिन्दुओं की धार्मिक भावना को आहत किया है।
अपने बयान में शिंदे ने कहा कि वे सभी अपने वक्तव्यों पर दृढ हैं । इस कारण पूरे देश के हिन्दुओं में रोष है। अतएव उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153(ए), 153(बी), 295(ए), 298, 505 तथा ‘आई.टी. एक्ट’ के अंतर्गत तत्काल अपराध मामले दर्ज किए जाएं। इन सभी पर ‘राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लागू कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए। शिंदे ने कहा कि ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति ने केंद्रीय गृहमंत्री मा. अमित शाह से की है। साथ ही कार्रवाई न होने पर पूरे देश में तीव्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है। इस मांग का निवेदन केंद्रीय गृहमंत्री मा. अमित शाह को भेज दिया गया है।
रमेश शिंदे ने कहा कि देश के विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक मुंबई में होने के उपरांत उसमें सम्मिलित कुछ दलों में सनातन धर्म को लक्ष्य करने की होड लगी हुई है। करोडों हिन्दुओं की श्रद्धा पर आघात कर देश की एकता, अखंडता तथा शांति को संकट में डाला जा रहा है। मंत्री और सांसद जैसे संवैधानिक पदों पर आसीन विभिन्न जिम्मेदार व्यक्तियों द्वारा इस प्रकार के वक्तव्य करना, लोकतंत्र की हार है। क्या इस प्रकार से इस्लाम, ईसाई आदि धर्मों के विषय में वक्तव्य करने का साहस इन राजनीतिक दलों में अथवा उनके नेताओं में है?
उन्होंने कहा कि बार-बार भड़काऊ वक्तव्य कर हिन्दुओं को लक्ष्य करनेवाले इन कानून-द्रोही जनप्रतिनिधियों को केवल मंत्रिमंडल से नहीं, अपितु विधानसभा एवं संसद से भी हटा देना चाहिए। सामान्यतः हिन्दुओं के विरोध में तत्परता से ‘हेट स्पीच’ के अपराध प्रविष्ट करने के आदेश पुलिस को दिए जाते हैंय परंतु अनेक दिनों से अत्यंत निचले स्तर पर सनातन धर्म के विषय में वक्तव्य किए जा रहे हैं, तब भी न तो प्रशासन कोई कार्रवाई कर रहा है, न ही सर्वोच्च न्यायालय इस विषय में ‘सु मोटो’ संज्ञान ले रहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
समिति के प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रकार से धार्मिक तनाव निर्माण करने वाले नेताओं पर अपराध प्रविष्ट कर उन्हें दंड नहीं दिया गया, तो देश की शांति, एकता और अखंडता संकट में पड जाएगी। साथ ही देश में दंगे फैलाकर अराजकता निर्माण करने में ये आरोपी सफल हो जाएंगे । यदि ऐसा हुआ, तो इसके जिम्मेदार पुलिस तथा प्रशासन ही होंगे, ’ऐसा भी समिति ने कहा।