मुंबई/अहमदाबाद/ सनातन संस्था से संबद्ध हिन्दू जनजागृति समिति ने बालासोर रेल हादसे को रेल जिहाद की संज्ञा दी है। समिति के प्रवक्ता रमेश सिंदे ने एक बयान जारी कर कहा है कि इधर के दिनों में जो रेख हादसे हुए हैं उसमें निःसंदेह रूप से एक खास वर्ग विशेष के अतिवादियों द्वारा साजिश की गयी है।
अपने बयान में उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले बालासोर में हुए एक बड़े रेल हादसे में करीब 300 यात्रियों की मौत हो गई थी। 31 मार्च को शाहरुख सैफी नाम के एक जिहादी ने केरल जाकर दिल्ली के शाहीन बाग में अल्पुला-कनूर एक्सप्रेस में पेट्रोल जैसा घातक ज्वलनशील पदार्थ फेंक दिया था और तीन पर्यटकों को जलाकर मार डाला था। शाहरुख सैफी भारत में प्रतिबंधित जाकिर नाइक के अनुयायी हैं। फिर 1 जून को उसी रेलवे पर फिर वही हादसा दोहराया गया। केरल के कन्नूर स्टेशन पर बोगी में आग लगा दी गई।
उन्होंने कहा कि बोगी भारत पेट्रोलियम के फ्यूल टैंक के पास थी। इसे गजवा-ए-हिंद कहा जाता है, यानी रेल-जिहाद। जब से भारत में वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू हुई है, तब से इसे देश भर में इस ट्रेन को टारगेट किया जा रहा है। हमले का तरीका एक जैसा ही है। वंदे भारत को लेकर इतनी नफरत क्यों है? वंदे मातरम से नफरत करने वाले ही वंदे भारत एक्सप्रेस पर हमला करते हैं, क्या यह रेल-जिहाद नहीं है? ऐसा प्रश्न दिल्ली के विशेष रक्षा विशेषज्ञ कर्नल आर.एस.एन. ने उठाया था। सिंह उपस्थित थे। वह वैश्विक हिंदू राष्ट्र महोत्सव में रेल-जिहाद विषय पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि विगत दिनों छत्तीसगढ़ के श्री रामबालक दास जी महात्यागी महाराज के पावन हाथों से मराठी और हिन्दी भाषाओं में हिन्दू राष्ट्र- आरोप-प्रत्यारोप नामक इस ई-पुस्तक का विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम में त्रिपुरा के पी. चितरंजन स्वामी महाराज ने कहा कि त्रिपुरा में स्कूलों के माध्यम से धार्मांतरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 1985-86 से त्रिपुरा में बड़े पैमाने पर हिंदुओं का धर्मांतरण हुआ है। ईसाइयों ने बच्चों के लिए अंग्रेजी शिक्षण स्कूल शुरू कर दिए हैं। इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के माता-पिता को अच्छी शिक्षा और भेदभावपूर्ण बुद्धि का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। त्रिपुरा में मठों और मंदिरों में कई साधु-संत हैं लेकिन चूंकि वहां आने वाले हिंदुओं को धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाती है, इसलिए धर्मांतरण की समस्या बढ़ जाती है। अगर हिंदू धर्म बचेगा तो मठ-मंदिर बच जाएंगे। देश के कोने-कोने से आए हिंदुओं को संकल्प लेना चाहिए कि हम धर्मांतरण बंद करेंगे और सनातन धर्म, हिंदुओं की रक्षा करेंगे और मौके पर धर्म के लिए अपने प्राणों की आहुति भी देंगे। चित्तरंजन स्वामी महाराज ने किया था। वह त्रिपुरा में धर्मांतरण की समस्या, उपचार और यश विषय पर बोल रहे थे।
श्री रामबालक दास जी महात्यागी महाराज ने कहा, केवल व्यासपीठ से घोषणा करने से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना नहीं होगी। हिंदू राष्ट्र की स्थापना के लिए सीधे काम करने की जरूरत है। नेपाल स्थित ओम रक्षा वाहिनी के अध्यक्ष, श्री कहा, नेपाल, जो एक हिंदू राष्ट्र है, पिछले एक दशक से इसे धर्मनिरपेक्ष घोषित कर दिया गया है और पूरे हिंदुओं की आस्था पर हमला किया जा रहा है। इसलिए हिंदुओं को नेपाल सहित पूरी दुनिया को हिंदू राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को बनाए रखना चाहिए।