नयी दिल्ली/ राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन 2022 को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि काउंटर टेरर एवं काउंटर रेडिकलाइजेशन देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है। शाह ने कहा कि माओवाद पर निःसंदेह हमने फतह पा ली है लेकिन माओवादी ओवरग्राउंड एवं फ्रंट आर्गेनाईजेशन की चुनौतियां अभी भी बरकरार है।
केन्द्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी, काउंटर ड्रोन तकनीक, साइबर और सोशल मीडिया पर निगरानी, द्वीपों व बंदरगाहों की सुरक्षा, 5जी टेक्नोलॉजी के चलते उभरती चुनौतिया, सीमा क्षेत्रों पर डेमोग्राफिक परिवर्तन एवं बढती कट्टरता, नशीले पदार्थों की तस्करी आदि कई प्रकार की चुनौतियां हमारे सामने उभरकर आई है। इन चुनौतियों को नजरअंदाज करना देश की सुरक्षा के साथ समझौता करने के समान है। उन्होंने कहा कि मौजूदा एवं उभरती सुरक्षा चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श की जरूरत है। गृहमंत्री ने देश के रक्षा ढांचे को मजबूत करने हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भुरि भुरि प्रशंसा की।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 से डीजीपी सम्मेलन का स्वरूप बदलने का प्रयास किया है और इसका विश्लेषण करने पर हम देखते हैं कि कई समस्याओं का समाधान ढूंढने में हमें सफलता प्राप्त हुई है। सभी राज्यों को चाहिए कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को शीर्ष प्राथमिकता दें, ये देश और युवाओं के भविष्य की लड़ाई है जिसके लिए हमें एक दिशा में एक साथ लड़कर हर हालत में जीतना है। गृहमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती राज्यों के पुलिस प्रमुख सीमा क्षेत्र में हो रहे डेमोग्राफिक परिवर्तन पर सजग निगरानी रखें। राज्यों के पुलिस महानिदेशकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने राज्यों में, विशेषकर सीमांत जिलों में, सभी तकनीकी और रणनीतिक महत्व की जानकारियां नीचे तक पहुंचाएं।
शाह ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद, उत्तर-पूर्व में विभिन्न उग्रवादी गुटों और वामपंथी उग्रवाद के रूप में जो तीन नासूर थे, उन्हें खत्म करने की दिशा में हमने बहुत बड़ी सफलता हासिल की है, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमने कई नए कानून बनाए, राज्यों के साथ समन्वय बढ़ाया, बजटीय आवंटन बढ़ाया और तकनीक का अधिकतम उपयोग किया। राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली के रूप में देश में पहली बार एक ऐसा सिस्टम डेवलप हुआ है, हमें इसे निचले स्तर तक परकोलेट करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सिर्फ कन्साइनमेन्ट को पकड़ना काफी नहीं है, ड्रग्स के नेटवर्क को समूल उखाड़ना और इसके स्रोत और डेस्टिनेशन की तह तक पहुंचना बेहद जरूरी है। हर राज्य के अच्छे इन्वेस्टिगेटिड केसेस की हमें डिटेल्ड अनालिसिस करनी चाहिए। एनसीओआरडी की जिलास्तरीय नियमित बैठकें सुनिश्चित की जानी चाहिए और इनका उपयोग नीचे तक पहुंचाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने टेक्नोलॉजी मिशन की शुरूआत की है लेकिन वो सफल तभी होगा जब हम इसे नीचे तक पहुंचा पाएंगे।
अमित शाह ने कहा कि केन्द्र सरकार विभिन्न प्रकार के अपराधों का डाटाबेस तैयार कर रही है…देश में पहली बार साइंटिफिक अप्रोच के साथ इतने सारे मोर्चों पर एक साथ इतना काम हुआ है। सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए हमें 5जी तकनीक का अच्छे से इस्तेमाल करना होगा। आधुनिक इंटेलिजेंस एजेंसी का आधारभूत सिद्धांत ष्छममक जव ादवूष् नहीं, बल्कि “छममक ज्व ैींतम” एवं ष्क्नजल ज्व ैींतमष् होना चाहिए क्योंकि जब तक अप्रोच में बदलाव नहीं आएगा तब तक हमें सफलता नहीं मिलेगी। तकनीक के साथ-साथ हमें ह्यूमन इंटेलीजेंस के उपयोग पर भी बराबर थ्रस्ट देना चाहिए।
केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि ये सम्मेलन युवा अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर गहरी जानकारी देने में मददगार साबित होगा। विगत दो दिनों में विचार-विमर्श के लिए चुने गए सत्र प्रासंगिक और महत्वपूर्ण थे और इन दो दिनों में हमने विभिन्न विषयों पर चर्चा की। प्रतिनिधियों ने सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सम्मेलन में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा एवं निशीथ प्रामाणिक के साथ ही साथ विभिन्न केन्द्रीय एजेंसियों के प्रमुखों तथा राज्यों के पुलिस महानिदेशक मौजूद थे।
Manish kumar/ Gautam chaudhary