आध्यात्मिक चिंतक प्रेम रावत जी को आप कितना जानते हैं

आध्यात्मिक चिंतक प्रेम रावत जी को आप कितना जानते हैं

प्रेम रावत एक विश्व प्रसिद्ध शिक्षक, बेस्टसेलिंग लेखक एवं  मानवतावादी हैं और हाल ही में वे दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित हुए हैं। वे दुनिया भर के अपने श्रोताओं को वास्तव में अपने आपसे जुड़ने और संतुष्टि का जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं। प्रेम रावत ने अपने शांति के संदेश से लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। उनके द्वारा इस दिशा में निरंतर किये गये प्रयासों ने 100 से अधिक देशों में लोगों को आशा और शांति का एक व्यावहारिक संदेश दिया है जो प्रत्येक मनुष्य के लिए है। उनका संदेश उनके व्यक्तिगत अनुभव पर आधारित है, उन्होंने पिछले छः दशकों से अधिक समय में 5,500 से अधिक कार्यक्रमों को संबोधित किया है।

एक प्रतिभाशाली बालक और 70 के दशक के किशोर से लेकर विश्व शांति दूत बनने तक, प्रेम रावत ने अपनी पुस्तकों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, वेब साइट सामग्री, मीडिया साक्षात्कार, लाइव कार्यक्रमों और संबोधनों के माध्यम से लाखों लोगों को असाधारण स्पष्टता, प्रेरणा और जीवन की गहरी सीख दी है। उन्होंने अनेक प्रतिष्ठित मंचों पर श्रोताओं को संबोधित किया है जैसे संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संसद और कई विश्वविद्यालयों जैसे हावर्ड, ऑक्सफोर्ड, आई आई एम अहमदाबाद, आई आई टी दिल्ली आदि। 

प्रेम रावत जी प्रेम रावत फाउंडेशन के संस्थापक हैं। यह फाउंडेशन जीवन के सभी वर्गों एवं व्यवसायों के लोगों के साथ मिलकर मानवीय कार्यों को करता है। प्रेम रावत जी अपने श्रोताओं को बताते हैं कि अपने भीतर स्थित शांति और संतुष्टि का अनुभव कैसे करें। उनका पीस एजुकेशन प्रोग्राम, प्रेम रावत जी के संबोधनों पर आधारित एक थीम बेस प्रोग्राम है। इसका प्रशिक्षण विश्व स्तर पर 1,500 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में दिया जाता है और इसमें 4,00,000 से अधिक लोग अब तक भाग ले चुके हैं। इसको दुनिया भर में 775 से अधिक कारागृहों में दिखाया जा रहा है, जिससे उनके द्वारा बार-बार अपराध करने के स्वभाव में बदलाव आता है और वे एक सकारात्मक जीवन जीने के लिए प्रेरित होते हैं। यह प्रोग्राम 80 देशों में उपयोग किया जा रहा है और 40 भाषाओं में अनुवादित है। प्रेम रावत फाउंडेशन का नवीनतम ‘शांति शिक्षा कार्यक्रम ई डी यू’ विशेष रूप से शिक्षकों और शिक्षा के लिए डिजाइन किया गया है और हाल ही में उन्होंने 1 नवंबर, 2023 को जी ई एस एस, दुबई में अपना संदेश दिया। 

उनका प्रेम रावत फाउंडेशन भारत में बनटोली (रांची) में ‘जन भोजन’ सुविधा भी संचालित करता है जिसमें बच्चों और बुजुर्गों को हर रोज पौष्टिक, स्थानीय भोजन और स्वच्छ पानी मिलता है। इस सुंदर पहल से बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य में सुधार आया है, स्कूल में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है, अपराध की दर में गिरावट आई और इस तरह स्थानीय अर्थ व्यवस्थाएं भी बेहतर हुई है। ऐसी ही सुविधाएं नेपाल और घाना में भी संचालित की जा रही हैं।

अकेले 2023 में, प्रेम रावत ने टी वी, प्रिंट और रेडियो के माध्यमों से 775 मिलियन से अधिक लोगों को अपना संदेश दिया है। प्रेम रावत ने हाल ही में दुनिया भर के शिक्षकों के लिए अपने अद्वितीय शांति शिक्षा कार्यक्रम को प्रस्तुत करने और अपनी बेस्टसेलिंग पुस्तक, ‘हियर योरसेल्फ हाउ टू फाइंड पीस इन ए नॉइजी़ वर्ल्ड’ का अरबी संस्करण लॉन्च करने के लिए दुबई, संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की। उनकी इस ऐतिहासिक यात्रा ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान आकर्षित किया जो उनकी अंतर्दृष्टि और प्रयासों को लाखों लोगों तक पहुंचा रहे हैं। प्रेम रावत को संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित विश्व प्रसिद्ध शारजाह अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेले में आयोजित एक कार्यक्रम में, उनकी सबसे अधिक बिकने वाली पुस्तक, ‘हियर योरसेल्फ हाउ टू फाइंड पीस इन ए नॉइजी वर्ल्ड’ के अरबी संस्करण के विमोचन के अवसर पर बोलने के लिए भी आमंत्रित किया गया था। 

प्रेम रावत न्यूयॉर्क टाइम्स के ‘हियर योरसेल्फः हाउ टू फाइंड पीस इन ए नॉइजी वर्ल्ड’ के बेस्टसेलर लेखक हैं। 02 अप्रैल, 2023 को लखनऊ में आयोजित एक अकेले लेखक द्वारा ‘स्वयं की आवाज’ पुस्तक पढ़ने के लेखन कार्यक्रम में 1,14,704 लोगों की रिकार्ड उपस्थिति दर्ज हुई जिसके लिए उन्हें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से सम्मानित किया गया। 

हाल ही में, 26 नवंबर, 2023 को बोधगया (बिहार) में, प्रेम रावत ने ‘एक अकेले वक्ता द्वारा सबसे बड़ी उपस्थिति’ के लिए एक नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, जिसमें उन्होंने 3,75,603 श्रोताओं को संबोधित किया। इस प्रकार वे दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक बन गए। 

श्री रावत एक पायलट भी हैं जिन्हें 15,000 घंटो की उड़ान का अनुभव प्राप्त है। वे एक आविष्कारक, फोटोग्राफर, क्लासिक कार रेस्टोरर और साथ ही एक सफल पारिवारिक व्यक्ति हैं। उनकी चार संतानें हैं जबकि वे चार बच्चों के दादा भी हैं।

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