रांची/ केन्द्र सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा जारी अर्बन आउटकम फ्रेमवर्क के सिटिजन परसेप्शन सर्वे में झारखंड की राजधानी रांची को आगे लानें के लिए रांचीवासियों को अपना राय मजबूती से रखना होगा। तभी शहरी नागरिकों के उम्मीदों के अनुकुल शहर का निर्माण हो सकता है। भारत सरकार इज ऑफ लिविंग की तर्ज पर अर्बन आउटकमफ्रेमवर्क की शुरुआत की है। रांची नगर निगम और रांची स्मार्ट सिटी की ओर से सभी विभागों के साथ समन्वय बिठाकर मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के पोर्टल पर डाटा शेयर कर दिया गया है पर अब बारी है नागरिकों के सुझाव और फिडबैक की।
भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय नें अब सिटिजन फिडबैक के लिए पोर्टल खोल दिया है। 01 दिसंबर से 23 दिसंबर 2022 तक कोई भी शहरी नागरिक अपनें शहर की नागरिक सुविधाएं यथा आधारभूत संरचना,पब्लिक ट्रांसपोर्ट,स्वास्थ्य,शिक्षा,लॉ एंड ऑर्डर,म्यूनिसिपल सुविधाएं इत्यादि पर आधारित प्रशनों का उत्तर देकर अपनें शहर में सुविधाओं की बानगी सरकार तक पहुंचा सकता है। इसके बाद केन्द्र सरकार और संबंधित राज्य सरकार तथा नगर निकाय उन विन्दुओं पर विशेष फोकस करते हुए योजना बनाएंगी। और तब शहरी नागरिकों के उम्मीदों का शहर आकार लेगा।
कोई भी व्यक्ति अपने मोबाईल और लैपटॉप में गूगल में जाकर म्व्स्2022 टाइप कर लिंक पर जाकर सिटीजन परसेप्शन सर्वे पर क्लिक कर अपना डिटैल्स भर शहर से जुड़े सवालों का उत्तर दे सकते हैं। इसके लिए रांची नगर निगम और रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन नें एक क्यू आर कोड और लिंक भी जारी किया है जो इस प्रकार है।
इधर अबतक प्राप्त आंकड़ा के मुताबिक रांची सिटिजन फिडबैक के मामले में पिछड़ती दिख रही है और मात्र 900 लोगों नें हीं अबतक अपनी राय रखी है जो कि बहुत कम है। इसलिए रांची नगर निगम और रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन नें शहरवासियों से अपील किया है कि वो चाहते हैं कि शहर को आकार देनें में यदि उनकी भी भागीदारी हो तो वो इस सर्वें में जरुर भाग लें। इससे राष्ट्रीय स्तर पर आपके शहर के मान सम्मान में भी वृद्धि होगी।