तिरुवनंतपुरम/ कैथोलिक चर्च ने सोमवार को अप्रत्याशित बयान जारी कर सबको चौंका दिया। चर्च ने केरल सरकार के मंत्री साजी चेरियन की उस टिप्पणी की आलोचना की जिसमें चेरियन ने क्रिसमस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने वाले पादरियों पर सवाल उठाए थे। केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल के प्रवक्ता फादर जैकब पालकापिल्ली ने चेरियन के बयान की आलोचना की और कहा कि उच्च पदों पर बैठे लोगों को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए।
इस पर केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल के प्रवक्ता फादर पालकापिल्ली ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां का यह काम नहीं है कि वह इसाईयों के राजनीतिक मामलों को तय करें। पालकापिल्ली ने कहा कि क्रिसमस का कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी ने आयोजित किया था और इसमें देश में ईसाई समुदाय के योगदान पर चर्चा की गई। बता दें कि कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने देश के ईसाई समुदाय की देश की आजादी की लड़ाई में भूमिका की तारीफ की थी। साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी उनके योगदान को सराहा। पीएम मोदी ने माना कि जीसस क्राइस्ट के मूल्यों में दया और न्याय का बढ़ावा मिलता है और उनकी सरकार का भी यह एक सिद्धांत है।
प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम पर केरल सरकार के मंत्री ने उठाए थे सवाल बता दें कि पीएम मोदी ने क्रिसमस के मौके पर अपने आवास पर ईसाई समुदाय के लोगों से मुलाकात की थी।
इस दौरान कई पादरी और ईसाई समुदाय के जाने माने लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस पर केरल सरकार के संस्कृति मंत्री साजी चेरियन ने अलप्पुझा में सीपीआई (एम) के कार्यालय का उद्घाटन करते हुए कहा था कि ‘‘जब पादरियों को केक और अंगूर की शराब परोसी गई तो वे अपने ही समुदाय के लोगों को मणिपुर में निशाना बनाने के मुद्दे की प्रधानमंत्री से चर्चा करना भूल गए।’’