अमरावती/ बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र की वजह से आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तटीय जिलों प्रकाशम और एसपीएस नेल्लोर और रायलसीमा के चित्तूर और कडप्पा जिलों में बृहस्पतिवार को भारी बारिश हुई जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।
इस बीच, एसपीएस नेल्लोर और चित्तूर जिलों में बचाव एवं राहत कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमों को तैनात किया गया है।
मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिये जिलाधिकारियों को राहत शिविर खोलने और खतरे वाले इलाकों से लोगों को इन शिविरों में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। उन्होंने सरकारी मशीनरी को सतर्क रहने को कहा क्योंकि शुक्रवार को भी इन जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
उन्होंने कहा,‘‘ बंगाल की खाड़ी पर बने एक और कम दबाव के क्षेत्र की वजह से दक्षिणी तटीय जिलों में 17 नवंबर को और बारिश हो सकती है। इसलिए, निचले इलाके में रहने वाले लोगों और किसानों को सतर्क रहना होगा।’’
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को एहतियाती कदम उठाने का भी निर्देश दिया। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के आयुक्त के कन्ना बाबू ने यहां जारी विज्ञप्ति में बताया कि चित्तूर जिले में एनडीआरएफ की एक और एसडीआरएफ की दो टीमों की तैनाती की गई है जबकि एसपीएस नेल्लोर में एनडीआरएफ की एक टीम तैनात की गई है। इन दोनों जिलों की सीमा तमिलनाडु से लगती है और यहां बुधवार को भारी बारिश हुई।
नेल्लोर शहर में बुधवार रात से ही बाढ़ जैसे हालात हैं। शुरुआती आकलन के मुताबिक एसपीएस नेल्लोर जिले में करीब 3,200 एकड़ में लगी फसल अब भी डूबी हुई है। एसडीएमए अधिकारी ने बताया कि बागवानी फसलों को भी नुकसान हुआ है।
मौमस विभाग की जानकारी में बताया गया है कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम भाग में हवा का कम दबाव बना है। यही नहीं विभाग का यह भी कहना है कि दक्षिण-पश्चिम में आकाश पर एक अवसाद भी देखा जा रहा है। इसके कारण आने वाले 17 या फिर 18 नवम्बर को तमिलनाडु के चेन्नई, पुंडुचेरी आदि इलाके में भी बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक बृहस्पतिवार को चित्तूर के वरद्यापल्यम में 19.5 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं एसपीएस नेल्लारे के मुत्तुकुर में 19 सेंटीमीटर, नायडूपेट में 15 सेंटीमीटर, सत्यवेडु में 15.5 सेंटीमीटर, पुत्तुरु में 10 सेंटीमीटर और तिरुपति में आठ सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई।
भगवान वेंकटेश्वर मंदिर के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध तिरुमला की पहाड़ियों में कई पेड़ उखड़ गए जिसकी वजह से पापविनाशनम और श्रीवरी पाडालु जैसे स्थानों को जाने वाली सड़के बंद हो गई।
मौसम विभाग ने उत्तर भारत में ठिठुरन बढ़ने की चेतावनी दी है। चेतावनी में कहा गया है कि उत्तर भारत में पश्चिम की ओर से तेज हवा चल सकती है। पहाड़ पर बर्फबारी भी होगी जिसके कारण पूरा उत्तर भारत ठंड की चेपेट में आ जाएगा। वैसे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में फिलहाल बारिश की कोई संभावना से इन्कार किया गया है।