रांची/ अगले 25 अक्टूबर को इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण लगेगा। यह सूर्य ग्रहण 4 घंटे, 3 मिनट का होगा। सूर्य ग्रहण दोपहर में 02 बजकर 29 मिनट पर लगेगा और इसका समापन शाम 06 बजकर 32 मिनट पर होगा। भारत में इसकी शुरुआत शाम को 04 बजकर 22 मिनट से होगी और यहां यह सूर्यास्त से थोड़ा पहले समाप्त हो जाएगा।
दिवाली का त्योहार 24 अक्तूबर को यानी आज पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। अगले दिन यानी 25 अक्तूबर को साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लगेगा। भारत में यह सूर्य ग्रहण आंशिक रूप से देखा जा सकेगा। यह सूर्य ग्रहण 4 घंटे, 3 मिनट का होगा।
बता दें कि भारतीय ज्योतिषी के अनुसार सूतक सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले लगता है। भारत में सूर्य ग्रहण का आरंभ शाम 04ः22 से होगा, ऐसे में यहां सूतक 25 अक्तूबर को ही सुबह 04ः22 मिनट से लागू हो जाएंगे। यानी दिवाली की अगली सुबह ही सूतक काल लगेगा। हिन्दू धर्म चिंतन के अनुसार सूतक के दौरान कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। सूतक काल में न ही भोजन बनाया जाता है और न ही ग्रहण किया जाता। हालांकि बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं पर यह नियम लागू नहीं होता है। यदि भोजन पहले से बना रखा है तो उसमें तुलसी का पत्ता तोड़कर डाल दें। दूध और इससे बनी चीजों, पानी में भी तुलसी का पत्ता डालें। तुलसी के पत्ते के कारण दूषित वातावरण का प्रभाव खाद्य वस्तुओं पर नहीं पड़ता। सूतक लगने के साथ गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से ध्यान रखें। सूतक काल से लेकर ग्रहण पूरा होने तक घर से न निकलें और अपने पेट के हिस्से पर गेरू लगाकर रखें। सूतक काल से ग्रहण काल समाप्त होने तक गर्भवती स्त्रियां किसी भी प्रकार की नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल न करें। सूतक काल में घर के मंदिर में भी पूजा पाठ न करें। इसके स्थान पर मानसिक जाप करना फलदायी रहेगा।
इस सूर्य ग्रहण का राशियों पर प्रभाव
सूर्य ग्रहण का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह सूर्य ग्रहण दिवाली के अगले दिन यानी गोवर्धन पूजा के दिन लगेगा। जब चन्द्रमा, पृथ्वी और सूर्य के मध्य से होकर गुजरता है और पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण या आंशिक रूप से ढक जाता है, तब सूर्यग्रहण लगता है। इस बार सूर्य आंशिक रूप से ढका हुआ दिखाई देगा और आंशिक रूप से ग्रहण को खण्डग्रास ग्रहण कहते हैं। लिहाजा यह खण्डग्रास सूर्य ग्रहण है। यह ग्रहण चित्रा नक्षत्र के साथ स्वाति और तुला राशि पर लगेगा।
यह ग्रहण यूरोप के अधिकांश भागों में, उत्तरी अमेरिका, पश्चिमी एशिया ,उत्तरी अफ्रीका और अटलान्टिक महासागरीय क्षेत्र में दृश्य रहेगा। स्वीडेन, फिनलैंड, बेलारूस, उक्रेन, रूस, ईरान, इराक, तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत में दिखेगा।
विभिन्न राशि वाले लोगों पर इसका क्या असर होगा, उनकी जन्मपत्रिका में किस स्थान पर ग्रहण लगेगा, ये जानना महत्वपूर्ण है, साथ ही उस स्थिति के उपाय करना भी महत्वपूर्ण है।
मेष राशि
यह सूर्य ग्रहण आपके सातवें स्थान पर लगेगा। जन्मपत्रिका में सातवें स्थान का संबंध जीवनसाथी से होता है। लिहाजा जीवनसाथी से आपके संबंधों पर सूर्य का यह ग्रहण लगेगा। अपने जीवनसाथी का ख्याल रखें।
वृष राशि
यह सूर्यग्रहण आपके 6वें स्थान पर लगेगा। जन्मपत्रिका में आठवें स्थान का संबंध आपकी आयु से है। लिहाजा सूर्य का यह ग्रहण आपकी आयु पर लगेगा। आपके स्वास्थ्य में कुछ उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। तो सूर्य के इस ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिये ग्रहण काल में आप गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें।
मिथुन राशि
यह सूर्य ग्रहण आपके नवें स्थान पर लगेगा। जन्मपत्रिका में नवे स्थान भाग्य से संबंध रखता है। लिहाजा आपके भाग्य पर, आपकी किस्मत पर यह ग्रहण लगेगा। इस दौरान आपकी किस्मत आपका पूरी तरह से साथ नहीं दे पायेगी। तो अपने भाग्य को ग्रहण के प्रभाव से बचाने के लिये आपको मन्दिर में गुड़ का दान करना चाहिए।
कर्क राशि
यह सूर्यग्रहण आपके दसवें स्थान पर लगेगा। जन्मपत्रिका में दसवें स्थान का संबंध आपके करियर और आपके पिता के करियर की सफलता से संबंध रखता है। लिहाजा इस ग्रहण का प्रभाव आपके खुद के और आपके पिता के करियर के ऊपर रहेगा। आपको अपने करियर के डिसीजन लेने में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं। इस ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिये आपको सफेद या शरबती रंग की टोपी या पगड़ी सिर पर पहननी चाहिए।
सिंह राशि
सूर्य ग्रहण आपके ग्यारहवें स्थान पर लगेगा। जन्मपत्रिका में ग्यारहवें स्थान का संबंध आपकी आमदनी और कामना पूर्ति से है। लिहाजा इस ग्रहण का असर आपकी आमदनी और आपकी इच्छाओं पर होगा। आपको अपनी किसी इच्छा की पूर्ति करने में परेशानी आ सकती है। अतः सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिये आपको रात को सोते समय अपने सिरहाने पर 5 मूली या 5 बादाम रखकर सोना चाहिए और अगले दिन उन्हें किसी मन्दिर या धर्मस्थल पर दान कर दें।
कन्या राशि
यह सूर्यग्रहण आपके बारहवें स्थान पर लगेगा। जन्मपत्रिका में बारहवें स्थान का संबंध शैय्या सुख से है, आपके खर्चों से है। लिहाजा आपके शैय्या सुख और आपके खर्चों पर यह ग्रहण लगेगा । आपको शैय्या सुख पाने में मुश्किलें होंगी और आपके खर्चों में बढ़त होगी। इस ग्रहण की अशुभता से बचने के लिये आपको अपने घर की खिड़की, दरवाजे खुले रखने चाहिए और घर में उचित मात्रा में रोशनी रखनी चाहिए।
तुला राशि
यह सूर्यग्रहण आपके पहले स्थान पर लगेगा। जन्मपत्रिका में पहले स्थान स्वयं का स्थान होता है, शरीर का स्थान होता है। अतः यह ग्रहण स्वयं आप पर और आपके शरीर पर लगेगा। ग्रहण काल में आपके अन्दर ऊर्जा की कमी रहेगी। लिहाजा इस ग्रहण की अशुभ स्थिति से बचने के लिये आपको सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए।
वृश्चिक राशि
यह सूर्य ग्रहण आपके दूसरे स्थान पर लगेगा। जन्मपत्रिका में दूसरे स्थान स्वयं का स्थान होता है, शरीर का स्थान होता है। अतः यह ग्रहण स्वयं आप पर और आपके शरीर पर लगेगा। आज आपके अन्दर ऊर्जा की कमी रहेगी। लिहाजा इस ग्रहण की अशुभ स्थिति से बचने के लिये आपको सूर्यदेव को जल चढ़ाना चाहिए।
धनु राशि
यह सूर्य ग्रहण आपके तीसरे स्थान पर लगेगा। जन्मपत्रिका में तीसरे स्थान भाई-बहनों से संबंध रखता है। लिहाजा भाई-बहनों के साथ आपके रिश्ते पर यह ग्रहण लगेगा। भाई-बहनों के साथ आपके रिश्ते में थोड़ी खटास आ सकती है। अतः इस ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिये आपको धार्मिक कार्यों में अपना सहयोग देना चाहिए और किसी के गलत कार्यों में उसका साथ देने से बचना चाहिए।
मकर राशि
यह सूर्य ग्रहण आपके चैथे स्थान पर लगेगा। जन्मपत्रिका में चैथे स्थान का संबंध माता, भूमि-भवन और वाहन से है। लिहाजा सूर्य का यह ग्रहण माता के साथ आपके संबंधों पर और भूमि-भवन और वाहन पर लगेगा। इस दौरान किसी काम में आपको माता से सहयोग पाने के लिये थोड़ी अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। अतः इस ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए आपको किसी जरूरतमंद को भोजन कराना चाहिए।
कुंभ राशि
यह सूर्य ग्रहण आपके पांचवे स्थान पर लगेगा। जन्मपत्रिका में पांचवे स्थान का संबंध विद्या से है, गुरु से है, संतान से है, विवेक से है और साथ ही रोमांस आदि विषयों से है। अतः आपकी इन सब स्थितियों पर सूर्य का यह ग्रहण लगेगा। ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिये आपको पक्षियों को दाना डालना चाहिए।
मीन राशि
यह सूर्य ग्रहण आपके छठे स्थान पर लगेगा। जन्मपत्रिका में छठे स्थान का संबंध स्वास्थ्य, शत्रु और मित्र से होता है। अतः आपके स्वास्थ्य, शत्रु और मित्रों पर सूर्य का यह ग्रहण लगेगा। इस दौरान शत्रु आप पर हावी होने की कोशिश कर सकते हैं, संभलकर रहें और दोस्तों का साथ बनाये रखें। साथ ही इस ग्रहण के प्रभावों से बचने के लिये कुत्ते को रोटी खिलानी चाहिए।