मोदी का दक्षिण अभियान : तो भगवा साम्राज्य के नए क्षत्रप होंगे के. अन्नामलाई?

मोदी का दक्षिण अभियान : तो भगवा साम्राज्य के नए क्षत्रप होंगे के. अन्नामलाई?

विगत दो वर्षों से अपने तुरुप के इक्के के माध्यम से भाजपाविहीन तमिलनाडु में भाजपा अपने आधारभूत ढाँचे को तैयार करने में लगी है। ये तुरुप का इक्का हैं तमिलनाडु मूल के कर्नाटक में सेवारत रहे कड़क आइपीएस जिन्हें ‘कर्नाटक सिंघम’ के नाम से भी जाना जाता था. अब त्यागपत्र देकर राजनीति में आये हैं, के अन्नामलाई। इनके माध्यम से भाजपा ने तमिलनाडु की राजनीति में उथलपुथल मचा दी है। वे ‘एन मन, एन मक्कल’, (मेरी भूमि, मेरे लोग) के नारे के साथ पूरे तमिलनाडु में पदयात्रा कर रहे हैं जिसे जनता का आशा से अधिक भरपूर समर्थन मिल रहा है। इसमें कोई शक नहीं है कि भाजपा अपने ताज में लगाने के लिए एक से बढकर एक ‘नगीने’ तलाश करने में बला की माहिर है। उसे जहां भी किसी नगीने की चमक दिखाई देती है, लपककर अपने ताज में सजा लेती है।

लोकसभा चुनाव 24 की तैयारियां शवाब पर है। इस बीच लोकसभा चुनाव को लेकर उसकी सबसे कमजोर कड़ी तमिलनाडु में भाजपा को मजबूत करने के लिए अध्यक्ष पूर्व आइपीएस के.अन्नामलाई ने एक सप्ताह पहले कहा था कि, आज हमने चेन्नई में अपनी पार्टी का चुनाव कार्यालय खोला है। 2024 का लोकसभा चुनाव ऐतिहासिक होगा। तमिलनाडु में लोगों में पार्टी के प्रति निष्ठा है। विभिन्न दलों और कैडरों के लोग यात्रा में हमसे जुड़े हैं और उनका मानना है कि यह चुनाव एक पार्टी का चुनाव नहीं बल्कि उससे ‘बड़ा चुनाव’ है। आगे उन्होंने कहा कि चेन्नई में भाजपा के नए कार्यालय के खुलने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता व हमारे गठबंधन के कई बड़े नेता चेन्नई आने वाले हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी तीसरी बार विशाल जीत दर्ज करने वाले हैं।

अन्नामलाई ने कहा कि अलग-अलग दलों और कैडरों के लोग अपनी पार्टी और कैडर के प्रति बहुत वफादार है। तमिलनाडु के लोग लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को और नरेंद्र मोदी को भारी मात्रा में वोट करने वाले हैं क्योंकि यह चुनाव मोदी के प्रति निष्ठा का चुनाव होगा। इस चुनाव में मोदी के नाम पर वोट पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 किसी एक पार्टी का चुनाव नहीं है बल्कि यह चुनाव भारत के विकास की गति का चुनाव है।

भारतीय जनता पार्टी के तेजतर्रार प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने विगत शुक्रवार को कहा कि अगर भाजपा राज्य में सत्ता में आई तो तीन साल में तस्माक (शराब की दूकान) आउटलेट बंद कर दिए जाएंगे। इससे पहले पत्रकारों से वार्ता में डीएमके के ऊपर वार पर वार करते हुए, अन्नामलाई ने कहा कि डीएमके सरकार ने 31 महीनों में 2.69 लाख करोड़ रुपये उधार लिए हैं और अगर मौजूदा स्थिति जारी रही, तो तमिलनाडु का कुल कर्ज 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। पहले दिन से ही डीएमके का कहना है कि वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है और 31 महीने बाद भी स्थिति वैसी ही बनी हुई है। डीएमके सरकार के पास वित्तीय स्थिति सुधारने की क्षमता ही नहीं है. ‘जैसा कि मैंने पहले कहा था, नाटक के बाद, अब द्रमुक सरकार ने पोंगल उपहार बाधा के साथ ₹1,000 की घोषणा की है। जब द्रमुक विपक्ष में थी, तो उन्होंने पोंगल त्योहार के लिए ₹5,000 देने का आग्रह किया था लेकिन अब वित्तीय स्थिति की ओर इशारा करते हुए, वे ₹1,000 दे रहे हैं’।

अपनी बात को आगे बढाते हुए उन्होंने कहा कि, ‘बिना रिश्वत दिए कोई भी कंपनी तमिलनाडु में अपना कारोबार शुरू नहीं कर सकती। पिछले सालों की तुलना में इस साल तमिलनाडु में आने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) कम हो गया है। दादगापट्टी में सार्वजनिक बैठक में बोलते हुए, के अन्नामलाई ने कहा कि हाल ही में, उत्तर प्रदेश तमिलनाडु को पीछे छोड़कर देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। अगले दो वर्षों में कर्नाटक के तमिलनाडु से आगे निकलने की उम्मीद है। पिछले साल वार्षिक परीक्षा में 55,000 एसएसएलसी छात्र तमिल में फेल हो गए, जो डीएमके सरकार की एक उपलब्धि है। लेकिन प्रधानमंत्री तमिल भाषा को दुनिया भर में ले जा रहे हैं।

तमिलनाडु में भाजपा के कर्मठ प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने एक प्रेस वार्ता में यह भी बताया कि भाषा में बाधा के कारण राज्य सरकार को कम निवेश मिल रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों पर हिंदी सीखने के लिए दबाव नहीं बनाया जा रहा है बल्कि उन्हें अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए एक अतिरिक्त भाषा सीखने के लिए कहा जा रहा है। चेन्नई में भाजपा मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करने के दौरान अन्नामलाई ने श्तमिलनाडु ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट 2024श् पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, श्2023 में उत्तर प्रदेश ने भी इसी तरह की बैठक आयोजित की थी और 33 लाख करोड़ से ज्यादा के एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे जो कि तमिलनाडु के अबतक के निवेश से पांच गुना ज्यादा है। वहीं, 2022 में कर्नाटक ने नौ लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश हासिल किया था।

अन्नामलाई के प्रतिद्वंद्वी अभिनेता जोसेफ विजय सेतुपति ने कहा कि तमिलनाडु के लोग किसी भी भाषा को सीखने के खिलाफ नहीं है लेकिन वे सिर्फ यह कह रहे हैं कि उन पर हिंदी थोपी नहीं जानी चाहिए। अन्नामलाई ने इसपर कहा, श्विजय सेतुपति को टिप्पणी करने और जिस भाषा में उनका मन हो, उसमें करने का पूरा अधिकार है लेकिन उन्हें भी यह समझना होगा कि ऐसी टिप्पणियों पर भी टिप्पणी आती है।श् अन्नामलाई ने कहा, श्उत्तर भारत की कई कंपनियां देशभर में भर्ती कर रही है। कई हिंदी भाषी लोग चेन्नई की जगह बंगलूरू में काम करना पसंद करते हैं क्योंकि यहां उन्हें तमिल में संवाद करना पड़ता है और इसी वजह से हमें कम निवेश मिल रहा है।श् उन्होंने आगे कहा, श्जहां तक मेरी राय है, जो लोग हिंदी सीखना चाहते हैं, वे सीख सकते हैं और बाकी लोग इसे अनदेखा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी किसी पर हिंदी सीखने के लिए कोई दबाव नहीं डाला है। यहां तमिल और अंग्रेजी सीखने की जरूरत है और तीसरी भाषा वैकल्पिक होती है। होसुर के पास लोग वैकल्पिक भाषा के तौर पर कन्नड़ सीखते हैं। वहीं कोयंबटूर में लोग मलयालम सीखते हैं।

भाजपा नेता ने कहा कि लोगों को तीन-चार भाषाएं सीखने की जरूरत है। अगर उन्हें हिंदी पसंद नहीं है तो वे फ्रेंच या जर्मन सीखकर विदेशों में काम करने जा सकते हैं। तमिलनाडु में ऐआइडीएमके से गठ्बन्धन समाप्त होने के पहले से ही भाजपा अपने निर्वाचन अभियान में के अन्नामलाई के नेतृत्व में कार्यरत है। तमिलनाडु में भाजपा अब छोटे भाई की भूमिका से निकल कर अपने स्वतंत्र अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। वर्तमान में भाजपा के वहां चार विधायक मात्र हैं जिन्हे वह एक सौ से ऊपर पंहुचाने के अभियान पर है। स्मरणीय है कि पिछले वर्ष प्रधानमंत्री मोदी ने किसी दक्षिण भारतीय के देश का प्रधानमंत्री होने की अपेक्षा की थी। पिछले सप्ताह सरकार में नम्बर दो राजनाथ सिहं ने सीधे सीधे के अन्नामलाई की क्षमताओं के दृष्टिगत उनके निकट भविष्य में देश का प्रधानमंत्री बनने की सम्भावना व्यक्त कर दी है। तो क्या भाजपा हिंदुत्व की एकता और राष्ट्र की अखंडता के लिए देश के भावी प्रधानमंत्री के रूप में के अन्नामलाई को तैयार कर रही है? अगर ऐसा है तो देशहित में इससे अच्छा और क्या हो सकता है?। इससे जहां एक ओर देश को एक सख्त और कर्मठ प्रशासक तो मिलेगा ही, देश के दुश्मनों के भारत को टुकड़ों में बांटने के सपने भी ध्वस्त हो सकेंगे।

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