नयी दिल्ली/पटना/रांची/ दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य तिथि से छह दिन पहले ही पूरे देश में पहुंच गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को यह जानकारी दी। विभाग ने एक बयान में कहा, दक्षिण-पश्चिम मानसून आज राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के शेष भागों में और आगे बढ़ गया। इस प्रकार इसने दो जुलाई 2024 तक ही पूरे देश को कवर कर लिया, जबकि यह सामान्य रूप से आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंचता है। इधर झारखंड के कुछ हिस्सों में बीते दिन से बारिश हो रही है। राजधानी रांची और आसपास के क्षेत्रों में तो आज झमाझम पानी पड़ रहा है।
जून में कम बारिश के बाद अब जुलाई माह में अच्छी बरसात की उम्मीद है। सोमवार को मौसम विभाग ने जुलाई में देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई। दिल्ली में जून के अंतिम दिन अच्छी बरसात के बाद अब जैसे रफ्तार पर ब्रेक लग गया है।
उत्तर प्रदेश में भी बारिश तो है लेकिन उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान करने लगी है। पहाड़ी राज्यों में हालांकि अच्छी बरसात देखने को मिल रही है। दिल्ली और आसपास के कुछ इलाकों में अगले 2 घंटों में हल्की से मध्यम बारिश और 20-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
दिल्ली के नरेला, बवाना, अलीपुर, बुराड़ी, कंझावला, मॉडल टाउन, करावल नगर, दिलशाद गार्डन, सीमापुरी, शाहदरा, विवेक विहार, जाफरपुर, आयानगर, डेरा मंडी। एनसीआर के लोनी देहात, हिंडन एएफ स्टेशन, बहादुरगढ़, गाजियाबाद, इंदिरापुरम, छपरौला, नोएडा, दादरी, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मानेसर, बल्लभगढ़।
हरियाणा के सोनीपत, खरखौदा, झज्जर, फर्रुखनगर, सोहना, पलवल। उत्तर प्रदेश के बागपत, खेकड़ा, मोदीनगर, पिलाखुआ, हापुड़, गुलौटी, सियाना, सिकंदराबाद, बुलंदशहर, जहांगीराबाद, अनूपशहर में मौसम बदलने वाला है।
28 जून को राजधानी में मॉनसून की एंट्री हो गई। 29 जून को राजधानी में 8 एमएम के करीब बारिश हुई। इसके बाद से ही तेज बारिश के पूर्वानुमान के उलट मौसम शुष्क बना हुआ है। बादल छाए हुए हैं। कभी कभार घने बादल बारिश की उम्मीद भी जगाते हैं, लेकिन बारिश नहीं हुई।
दिल्ली में बारिश की निरंतरता में कमी की वजह से इस समय लोग उमस से बुरी तरह परेशान हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 2 व 3 जुलाई का ऑरेंज अलर्ट है। दोनों दिन मध्यम से लेकर भारी बारिश की संभावना है। इस कैटिगरी में 15.6 एमएम से 115.5 एमएम तक बारिश होने की संभावना रहती है।
दोनों दिन अधिकतम तापमान गिरकर 33 डिग्री और न्यूनतम तापमान 26 से 27 डिग्री तक रह सकता है। इसके बाद 4 से 7 जुलाई तक मध्यम बारिश के लिए येलो अलर्ट है। इस कैटिगरी में 15.5 एमएम से 64.4 एमएम तक बारिश होने के आसार रहते हैं। इस दौरान अधिकतम तापमान 30 से 32 और न्यूनतम तापमान 25 से 26 डिग्री तक रह सकता है।
मानसून केरल और पूर्वाेत्तर क्षेत्र में 30 मई को पहुंचा था जो सामान्य से दो से छह दिन पहले है। यह महाराष्ट्र तक सामान्य रूप से आगे बढ़ा, लेकिन इसकी गति धीमी हो गई जिसके कारण पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बारिश का इंतजार बढ़ गया तथा उत्तर-पश्चिम भारत में भीषण गर्मी का प्रभाव और अधिक बढ़ गया।
देश में 11 जून से 27 जून तक 16 दिन सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई, जिसके कारण जून में कुल मिलाकर सामान्य से कम वर्षा हुई। इस महीने में 147.2 मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि इस महीने में सामान्य रूप से 165.3 मिलीमीटर वर्षा होती है, जो 2001 के बाद से सातवीं सबसे कम वर्षा है।
देश में चार महीने के मानसून के दौरान कुल वर्षा (87 सेंटीमीटर) में से 15 प्रतिशत बारिश जून में होती है। इस बार ऐसा नहीं हुआ लेकिन मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान है कि जुलाई में मानसून अपना कोटा पूरा कर लेगा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को कहा कि जुलाई में भारत में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है तथा भारी वर्षा के कारण पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों और देश के मध्य भाग में नदी घाटियों में बाढ़ आने की आशंका है।
इधर झारखंड के कई क्षेत्रों में बारिश हो रही है। यदि तापमान की बात करें तो राजधानी रांची में आज दिन का तापमान 24 से 28 डिग्री सें. के बीच रहा। वातावरण में आद्रता की मात्रा 90 प्रतिशत तक आंकी गयी। हवा की गति 17 से 22 किलोमीटर की रही। सुबह में हवा की गति ज्यादा थी लेकिन जैसे-जैसे दिन निखरता गया हवा गति में कमी आती गयी। शाम में थोड़ी उमस भी महसूस की गयी। वैसे रांची का मौसम बेहद सुहाना हो गया है।
मौसम विज्ञान विभाग केन्द्र, रांची के द्वारा जारी जानकारी में बताया गया है कि प्रदेश में 10 मिलीमीटर बारिश हुई है। विभाग ने अपनी चेतावनी में बताया है कि अगले तीन घंटे में धनबाद और जामताड़ा में मध्यम से उच्च दर्जे की बारिश होगी। मौसम विभाग द्वारा यह चेतावनी 3.55 में जारी की गयी। विभाग की ओर से यह भी बताया गया है कि मौसम को देखते हुए लोग विशेष परिस्थिति में ही अपने घरों से बाहर निकले। किसान भाई खेत में जाने से बचें यदि वे बारिश में पड़ जाते हैं तो पेड़ के नीचे न जाएं और खुले में अपने दोनों कानों को दबा कर पंजे के बल नीचे बैठ जाएं। इससे आकाशी बिजली से बचने में सहायता मिलेगी।
उत्तर बिहार के कई जिलों में सोमवार से लगातार झमाझम बारिश हो रही है। हर जगह पानी-पानी हो गया। सड़कों पर पानी जमा हो गया है, तो शहर का हाल ही बिगड़ गया है। शहर की गलियों में कीचड़ ही कीचड़ देखा जा रहा है। कुछ गलियों में लोगों में आने-जाने में परेशानी भी होने लगी है। दूसरी ओर बारिश से लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली है और किसान से सबसे अधिक खुश हैं।
इधर मौसम विभाग ने नालंदा, नवादा और लखीसराय जिले के एक या दो इलाकों में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान वज्रपात होने के भी संभावना है। इसके अलावा, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सिवान, अररिया और किशनगंज जिले के लिए बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
दरअसल, बारिश के इंतजार में हर किसी की आंखें पथरा गई थी। उमस भरी गर्मी से लोग ऊब चुके थे। बिजली के पंखे की हवा से भी गर्मी से राहत नहीं मिल रही थी। हालांकि बारिश होने से सभी समस्याएं फिलहाल दूर हो गई है।
खेतों में पानी लग गया है। इससे विशेष कर धान को रोपनी करने वाले किसानों को लाभ मिलेगा। हालांकि अबतक धान का बिचड़ा पूरी तरह तैयार नहीं होने से मात्र दो-चार फीसदी किसान रोपनी कर रहे हैं। बारिश से किसान खुश है। अब इन्हें कुछ दिन तक बारिश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
भारत मौसम विभाग के बारिश वाले अनुमान से लोग खुश है और राहत महसूस कर रहे हैं। आमलोग गर्मी से राहत के लिए बारिश का इंतजार कर रहे थे। वहीं, किसान धान की रोपनी को बेचौन थे। इधर, बारिश से जिले के विभिन्न नदियों में जलस्तर बढ़ने लगा है। कुछ स्थानों पर नदी उफान पर है, जिसके चलते नदी का पानी सड़कों पर चला आया है। कई गावों के खेतों में पानी ही पानी नजर आ रहा है।
जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य की प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है। कई नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। विभाग के मुताबिक कोसी और गंडक में जलस्तर बढ़ने का अनुमान है। वीरपुर बराज में कोसी नदी का जलस्राव सोमवार को सुबह 10 बजे 1,51,190 क्यूसेक था।
वहीं दोपहर 2 बजे 1,55,020 क्यूसेक दर्ज किया गया। इसी तरह गंडक नदी के वाल्मीकि नगर बराज में गंडक का जलस्राव सुबह 10 बजे 42,800 क्यूसेक था। दोपहर 2 बजे बढ़कर 47,000 क्यूसेक दर्ज किया गया। कमला बलान नदी जयनगर और झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बागमती ढेंग और सीतामढ़ी के सोनखान में खतरे के निशान से ऊपर है। इसके अलावा महानंदा ढेंगरा घाट के पास लाल निशान को पार कर गई है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के अंदर बिहार के सोन और पुनपुन नदियों के क्षेत्रों में साधारण से मध्यम और कोसी, महानंदा, गंडक, कोयल, कनहर एवं ऊपरी सोन नदियों के क्षेत्रों में हल्की से साधारण, जबकि बागमती, अधवारा नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हल्की वर्षा होने की संभावना जताई है।