नयी दिल्ली/ तीन हजार साल पुरानी ममी से आवाज आ रही थी। जब वैज्ञानिकों ने इसकी जांच की तो चैंकाने वाले तथ्य सामने आए। इस खोज ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है।
ममी को मिस्र सभ्यता का एक हिस्सा माना जाता है। हजारों साल पहले जब मिस्त्र में कोई मर जाता था तो उसके शव को सफेद रंग की पट्टियों में लपेटा दिया जाता था और ताबूत के अदंर उसे बंद कर दिया जाता था। ताकि उनका शरीर सुरक्षित रहे सके।
मिस्र से वैज्ञानिकों को कई सारी ममी मिली हैं, जिन्हें म्यूजियम में रखा गया है। इन्हीं ममियों में से एक की जानकारी हम आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। यह ममी 3000 हजार साल पुरानी है। इस ममी को यूके में स्थित लीड्स सिटी म्यूजियम में रखा गया है। इस ममी का नाम नीसियामुन है।
कहा जाता है कि यह ममी उस व्यक्ति की है जो मिस्र के राजा, फिरौन रामसेस-11 के समय पुजारी के तौर पर काम करता था। इतिहासकारों के अनुसार नीसियामुन अपने राजा के लिए खबरें भी एकत्र करता था। उन दिनों खबर एकत्र करने और उसे प्रस्तुत करने का तरीका आज से थोड़ा भिन्न था। वैसे भारतीय मिथकों में भी भगवान विष्णु के अनन्य भक्त महाऋषि नारद की चर्चा है। नीसियामुन का चरित्र नारद के चरित्र से मिलता-जुलता है। यह कब्र उसी मिस्री नारद की बतायी जाती है।
नीसियामुन की ममी को लीड्स सिटी म्यूजियम में रखा गया है और इस ममी से आवाज सुनाई देती थी। वैज्ञानिकों के अनुसार जब भी इस ममी के आसपास से कोई गुजरता है एक आवाज से सुनाई देती थी। जिसके बाद वैज्ञानिकों ने इस आवाज को रिकॉर्ड करने का सोचा। इसकी आवाज को रिकॉर्ड करने के लिए वैज्ञानिकों ने पहले नीसियामुन के गले का सीटी स्कैन किया। उसके बाद थ्रीडी प्रिंटर से उसका आवाज वाली नली को बनाया गया। जिसके बाद इसमें से आवाज निकाली गई। ये आवाज कराहने जैसी है। इतना ही नहीं वैज्ञानिकों ने आवाज को रिकॉर्ड भी किया।
ममी की आवाज के बारे में वैज्ञानिकों का दावा है कि वोकल कॉर्ड बनाने के लिए ममी का सीटी स्कैन किया था। इसमें पता चला कि उसकी जीभ का कुछ हिस्सा गायब था। इस वजह से हमारा बनाया मॉडल भी वैसा ही बना। वैज्ञानिकों के अनुसार ममी के जीभ का हिस्सा क्यों गायब है ये अभी तक पता नहीं चल पाया है लेकिन आशंका है कि ये ममी 3 हजार पुरानी है और ऐसे में ये हो सकता है कि नीसियामुन की जीभ का कुछ हिस्सा सड़ गया हो। इस वजह से इसमें से ऐसी आवाज निकलती हो।
वैज्ञानिकों के मुताबिक अक्सर जब हवा ममी से पास होती थी। उसके मुंह से आवाज आती थी। इसलिए हमने सोचा कि क्यों न उसके गले का थ्रीडी मॉडल बनाकर आवाज निकाली जाए। हमें वैसी ही आवाज सुनाई दी। नीसियामुन की आवाज सुनकर ऐसे महसूस होता है कि जैसे वो कराह रहा हो।
इस ममी से आज भी आवाज आती है। जब इस ममी को हल्की हवा भी स्पर्ष करती है तो आवाज आने लगती है। वैज्ञानिकों का दावा है कि जब इस ममी की जीभ रही होगी तो इससे और अच्छी आवाज निकलती होगी। हालांकि इस बात की पुष्टी नहीं हो पायी है कि ममी की जीव के रहते आवाज कैसी रही होगी।