नयी दिल्ली/ नीति आयोग की 27 जुलाई को होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली आयीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने नीति आयोग की आलोचना की।
बनर्जी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लाये गये नीति आयोग को खत्म कर योजना आयोग को बहाल किया जाना चाहिए। बनर्जी नीति आयोग की बैठक में भाग लेंगी, हालांकि ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दलों के शासन वाले कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसमें भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है।
बनर्जी ने कहा, उन्होंने (भाजपा ने) सरकार तो बना ली है लेकिन उनके पास जनादेश नहीं है। 2014 के बाद भाजपा के सत्ता में आने के बाद यह पहली बार है कि उन्होंने अकेले पार्टी के रूप में सरकार नहीं बनाई है।
बनर्जी ने कहा कि अपनी मजबूरियों के कारण, भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने राजनीतिक रूप से बहुत पक्षपाती बजट पेश किया है, जिसने विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों को उनके अधिकारों से ‘‘वंचित’’ कर दिया है।
उन्होंने कहा, मुझे लगा कि कम से कम एक साझा मंच पर इस आवाज को उठाना मेरा कर्तव्य है, हालांकि मुझे पता है कि नीति आयोग के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं।
बनर्जी ने कहा, जब से नीति आयोग की योजना बनी, मैंने एक भी काम होते नहीं देखा है, क्योंकि उसके पास कोई शक्ति नहीं है। पहले योजना आयोग था। एक मुख्यमंत्री के तौर पर३उस समय मैंने देखा कि एक व्यवस्था थी।
उन्होंने कहा, यह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की योजना थी और आजादी के बाद से योजना आयोग ने देश के लिए बहुत काम किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 जुलाई को नीति आयोग की नौवीं शासी परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।