नयी दिल्ली/ पाकिस्तान के कराची स्थित दाऊद इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय परिसर में कुछ हिन्दू छात्रों ने होली मिलन समारोह का आयोजन किया था। इस आयोजन के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया। हालांकि अब उस नाटिस को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की आलोचना हो रही है।
विश्वविद्यालय प्रशासन का आरोप है कि इन छात्रों ने समारोह में राज्य विरोधी नारे लगाए थे। इस मामले में कुछ हिंदू छात्रों के खिलाफ प्राथमीकी भी दर्ज की गयी है। इस घटना ने अब सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर देशव्यापी बहस भी छेड़ दी है।
इस मामले में पाकिस्तान नेशनल असेंबली के पूर्व सदस्य लाल माल्ही ने विश्वविद्यालय की कार्रवाई की खुले तौर पर आलोचना की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया, ‘क्या अब पाकिस्तान में होली मनाना भी अपराध हो गया है? क्या विश्वविद्यालय में होली मनाना राज्य के विरुद्ध कृत्य माना जाएगा?’
उनके बयान ने कई लोगों को प्रभावित किया, जिसमें पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ असहिष्णुता और भेदभाव के व्यापक मुद्दे को उजागर किया गया है। विश्वविद्यालय परिसर में होली उत्सव का एक वायरल वीडियो और प्रशासन द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस ने सार्वजनिक बहस को और बढ़ा दिया है।
आलोचकों का तर्क है कि ये आरोप पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को हाशिए पर ले जाने की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर करते हैं। पाकिस्तान की आबादी में हिंदू समुदाय का प्रतिशत बहुत कम होने के बावजूद, उसे लंबे समय से व्यवस्थागत उपेक्षा और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है।