डॉ. रमेश ठाकुर
मौत परम शाश्वत सच है जिसके साथ जीवित मनुष्य को कभी भी मजाक नहीं करना चाहिए। मौत तो सृष्टि द्वारा निर्धारित अंतिम हकीकत है, भला उससे साथ क्या खिलवाड़ करना? सोचो अगर काल ने किसी के थोड़ा सा भी मजाक कर दिया, तो उसका क्या होगा, सभी को पता है? मौत का उपहास उड़ाने का मतलब होता है प्रकृति और कुदरत की रची संयुक्त संस्कृति के साथ ठिठोली करना। ऐसी ही हरकत अभिनेत्री पूनम पांडे ने अपनी नकली मौत की खबर फैलाकर की है, जो इस वक्त चर्चाओं का विषय बनी हुई है। दरअसल, उन्होंने पब्लिसिटी की चाह में ऐसा पाप कर डाला है जिसकी माफी तीनों लोकों में उन्हें कहीं नहीं मिलने वाली। मौत की अफवाह से उनके चाहने वालों की जन-भावनाएं कुछ घंटों के लिए कितनी आहत हुईं होंगी, शायद इसका अंदाजा उन्हें नहीं है? उनको लगा होगा कि मौत की अफवाह फैलाकर वह लोगों की सहानुभूति पाएंगे और पब्लिसिटी लूट लेगी पर, उन्हें नहीं पता उन्होंने लोगों की नजरों में अपना विश्वास कितना खो दिया है। शायद अब भविष्य में लोग उन पर न एतबार करेंगे और न ही यकीन?
गौरतलब है कि पूनम औसत दर्जे की अभिनेत्री और मॉडल रही हैं। उन्हें हमेशा काम की तलाश रही। आजतक उन्हें कोई कायदे का रोल नहीं मिला। एक कड़वी सच्चाई ये भी है, अपनी हरकतों के चलते वो कभी मायानगरी में फिट नहीं बैठ पाईं। उंटपटांग हथकंड़ों के जरिए ही उन्होंने थोड़ा बहुत नाम कमाया। भारतीय टीम का किक्रेट वर्ल्डकप जीतने पर न्यूड होकर स्टेडिएम में चक्कर लगाने जैसे दावे करके वो प्रशंसकों की नजरों में पहले ही गिर चुकी थीं। इसके अलावा भी उनके तकरीबन ब्यान पारिवारिक और भारतीय संस्कृति के विरुद्ध ही रहे। इसी कारण पूनम के परिवार ने भी उनसे किनारा किया हुआ था। जिस दिन उन्होंने अपनी मौत की झूठी खबर फैलाई तो उनके प्रशंसकों को एकाएक विश्वास नहीं हुआ। वो जानते है कि पूनम कितनी ड्रामेबाज हैं। अचानक हुई मौत पर सभी को संदेह हुआ। और हुआ भी कमोबेश वैसा ही जिसका सभी को अंदेशा था। दूसरी सुबह खुद प्रकट होकर नाटकीय अंदाज में अपनी मौत का खंडन कर डाला। झूठी खबर को उन्होंने सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना बताया जिसे भी लोगों ने सिरे से नकार दिया। अगर उन्हें वास्तव में कैंसर मरीजों की इतनी परवाह है तो इसके लिए वह जागरूकता कैंप लगा सकती हैं, धन को डोनेट कर सकती थीं, लेकिन नहीं, उन्हें तो बस सनसनी फैलानी थी।
निश्चित रूप से अभिनेत्री पूनम पांडे ने अपनी मौत की अफवाह फैलाकर न सिर्फ मौत की कड़ी सच्चाई के साथ खिलवाड़ किया है, बल्कि अनगिनतों की भावनाओं को भी आहत किया हैं। अभिनेत्री का मकसद सिर्फ पब्लिसिटी पाना मात्र था लेकिन उन्होंने ऐसा करके बहुत गंवा दिया। एक पुरानी कहावत है ‘गांव का एक व्यक्ति गांव वालों को ‘शेर आया, शेर आया’ कहकर परेशान करता था। गांव वाले जब उसकी मदद के लिए पहुंचते तो वो सबका उपहास उडाता लेकिन एक दिन सच में शेर आ गया, तब भी उसने लोगों को सहायता के लिए बुलाया, लेकिन उस दिन मदद के लिए कोई गांव वाला नहीं पहुंचा और शेर ने उसे निवाला बना लिया। ईश्वर न करें कहीं ऐसा भविष्य में पूनम पांडे के साथ हो जाए?
नकली मौत से पब्लिसिटी पाने की जो बेशर्मी इस अभिनेत्री ने दिखाई है। उसके बाद फिल्म जगत के कई सेलेब्स और सोशल मीडिया यूजर्स ने पूनम पांडे पर थू थू कर रहे हैं। घटना के दिन से ही घर में कैद है, बाहर आकर किसी का वह सामना नहीं कर पा रहीं। ऊपर से कानूनी कार्रवाई होने की भी सुगबुगाहट होने लगी है। डरी हुई हैं, फोन भी बंद किया हुआ है, परिवार के लोग भी बात नहीं कर रहे। फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने भी पूनम का सामाजिक बहिष्कार करना शुरू कर दिया है।
पूनम की तरह कभी मशहूर रैपर एमिनेम ने अपनी मौत की झूठी अफवाह फैलाकर सोशल मीडिया पर सहानुभूति बटोरी थी लेकिन उसके बाद उनको लोगों की भंयकर नाराजगी का सामना करना पड़ा। फुटबॉलर डेविड बेकहम ने भी कुछ ऐसा ही करके अपने प्रशंसकों को आहत किया था। 1983 में एक अमेरिकी मॉर्डल मारिया ने भी अपनी मौत की नकली खबर सार्वजनिक की थी, लेकिन वो झूठी खबर एक सप्ताह के भीतर ही सच में तब्ददील हो गई थी, मारिया की एक सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हुई। सेलेब्स को थोड़ा सोचना चाहिए कि जो व्यक्ति लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच जाता है, तब उसके चाहने वालों की संख्या भी हजारों-लाखों में पहुंच जाती है। ऐसे में अगर अपने चहेते अभिनेता-अभिनेत्री के बंधंन में वो दुखद खबर कैसे सहन कर पाएंगे। साउथ के बड़े अभिनेता एमजी रामचंद्र की लोकप्रियता को शायद ही कोई भूल पाए, उन्हें लोग भगवान की तरह पूजते थे। जब उनका देहांत हुआ, तो उनके गम में दर्जनों प्रशंसकों ने अपनी जाने तक दे दी थी। यहां तक किसी ने अपने जीभे कांटी तो किसी ने अपनी नसें? खुदा न खास्ता अगर पूनम पांडे के पास भी इतनी लोकप्रियता होती, तो उनकी इस झूठी खबर से कितना नुकसान प्रशंसकों को पहुंचता।
इस हरकत से पूनम कानूनी पचड़े में भी पड़ सकती हैं। वहीं, ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने भी पूनम पर एक्शन लेने का मन बनाया है। वैसे, गौर से देखें तो इस अभिनेत्री का सम्पूर्ण जीवन गैरवाजिब हरकतों, ढिठाई लड़ाई-झगड़ा, उल्टे-सीधे दांवपेंच भिड़ाना और असामाजिक तत्वों में ही उलझा हुआ है। विवाद तो जैसे उनके साथ साये की तरह चलते हैं। मायानगरी में कईयों के साथ लिव-इन में रहना, गुपचुप तरीके से शादियां करना हमेशा से जारी रहा। 10 सितंबर 2020 को उन्होंने रहस्यमय तरीके से निर्देशक सैम अहमद से भी विवाह रचाया और दो सप्ताह में ही उनसे अलग हो गईं। यही नहीं, उन्होंने सैम पर पुलिस थाने में गंभीर धाराएं लगवाकर जेल भी पहुंचवा दिया। दरअसल, इन हरकतों से भी वह पब्लिसिटी कमाती रहीं। पूनम ने सर्वाइकल मरीजों का जिस तरह से मजाक उठाया है उसे भी जायज नहीं ठहरा सकते। सर्वाइकल कैंसर वास्तव में बहुत तकलीफदेह होता है तभी तो केंद्रीय बजट में सरकार को इस बीमारी के लिए टीका अभियान छेड़ने का एलान करना पड़ा लेकिन कुछ भी हो, पूनम पांडे श्नकली मौतश् की आड़ लेकर श्सच्ची पब्लिसिटीश् ज्यादा वक्त तक पाने में सफल नहीं हो सकीं।
(आलेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं। इससे हमारे प्रबंधन का कोई सरोकार नहीं है।)