नई दिल्ली/ चीन की अंतरिक्ष एजेंसी चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) ने शनिवार सुबह दावा किया कि मंगल ग्रह के लिये देश का पहला रोवर लेकर एक अंतरिक्ष यान ‘लाल’ ग्रह पर उतर गया है। चीनी अधिकारियों ने बताया कि एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर लेकर गए अंतरिक्ष यान ‘तिआनवेन-1’ का प्रक्षेपण 23 जुलाई 2020 को किया गया था।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि सौर मंडल में और अन्वेषण के मकसद से एक मिशन में ही ऑर्बिटिंग (कक्षा की परिक्रमा), लैंडिंग और रोविंग पूरा करने के उद्देश्य से मंगल ग्रह पर पहुंचने की दिशा में यह चीन का पहला कदम है।
इस अंतरिक्ष यान ने करीब सात महीने की यात्रा के बाद फरवरी में मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया था और ग्रह पर उतरने के लिये संभावित स्थानों की पहचान करने में दो महीने से ज्यादा का वक्त लगा।
मंगल ग्रह पर पहुंचने वाले रोवर का वजन करीब 240 किलोग्राम बताया जा रहा है। उसमें छह पहिए और चार सौर पैनल हैं तथा वह प्रति घंटे 200 मीटर तक घूम सकता है।
इसमें छह वैज्ञानिक उपकरण हैं, जिनमें बहु-वर्णीय कैमरा, रडार और एक मौसम संबंधी मापक है। इसके मंगल ग्रह पर करीब तीन महीने तक काम करने की संभावना है।
संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और चीन के अंतरिक्ष यानों ने हाल ही में मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया। नासा का परसीवरेंस रोवर करीब सात महीने की यात्रा के बाद 18 फरवरी को मंगल ग्रह पर पहुंचा था।
इससे पहले अमेरिका, रूस, यूरोपीय संघ तथा भारत को मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यान भेजने में कामयाबी मिल चुकी है। भारत 2014 में मंगल ग्रह की कक्षा में अपना अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक भेजने वाला पहला एशियाई देश बना था। मंगल पर पहुंचने वाला चीन अब एशिया का दूसरा देश बन गया है।