नई दिल्ली/ आने वाले 25 वर्षों को ‘‘भारत के सृजन का अमृत काल’’ बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 100 लाख करोड़ रुपये की ‘‘गतिशक्ति योजना’’, देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘‘ग्रीन हायड्रोजन मिशन’’ और अगले 75 सप्ताह में 75 वंदे भारत रेल गाड़ियां चलाने के साथ ही सभी सैनिक स्कूलों के दरवाजे लड़कियों के लिए खोले जाने की घोषणा की।
तिरंगा फहराने के बाद लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने देशवासियों का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘यही समय है, सही समय है, भारत का अनमोल समय है। असंख्य भुजाओं की शक्ति है, हर तरफ देश की भक्ति है, तुम उठो तिरंगा लहरा दो, भारत के भाग्य को फहरा दो।’’
नागरिकों से समय के साथ खुद को बदलने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भरोसा भी जताया कि 21वीं सदी में भारत के सपनों को पूरा होने से कोई बाधा नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा कि ‘‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबके प्रयास’’ से इस लक्ष्य को हासिल करना है। प्रधानमंत्री ने लगभग डेढ़ घंटे के अपने संबोधन के दौरान पड़ोसी मुल्कों चीन और पाकिस्तान पर भी निशाना साधा और विस्तारवाद और आतंकवाद की उनकी नीतियों के लिए उन्हें आड़े हाथों लिया।
देश के विकास में आधुनिक बुनियादी ढांचा पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना शुरू की जाएगी और इसके तहत 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजनायें रोजगार के अवसर पैदा करेंगी।
प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय योजना औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और यातायात की व्यवस्था को दुरूस्त करने वाली होगी। उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के 100 साल पूरे होने से पहले भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मिनर्भर बनायेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘भारत को आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ ढांचागत क्षेत्र के लिये एक समग्र रुख की जरूरत है। इस दिशा में जल्दी ही गतिशक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान योजना शुरू की जाएगी।’’
विकास को नई गति देने का संकेत देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अब हमें पूर्णता की तरफ जाना है। उन्होंने कहा, ‘‘100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की योजनायें लाखों नौजवानों के लिये रोजगार के अवसर लायेगी।’’ मोदी ने भारत को हरित हाइड्रोजन का वैश्विक केंद्र और इसका सबसे बड़ा निर्यातक बनाने के मकसद से राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की स्थापना की घोषणा की।
इस अवसर पर उन्होंने अगले 75 सप्ताह के भीतर 75 वंदेभारत रेलगाड़ियां चलाने की घोषणा की जो देश के हर कोने को आपस में जोड़ेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘देश ने संकल्प लिया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह में 75 वंदेभारत ट्रेनें देश के हर कोने को आपस में जोड़ रही होंगी।’’ एक तरफ प्रधानमंत्री ने जहां विकास को लेकर सरकार की भावी योजनाओं की रुपरेखा प्रस्तुत की वहीं दूसरी तरफ चीन को उसकी विस्तारवाद और पाकिस्तान को उसकी आतंकवाद की नीति के लिए आड़े हाथों लिया।
चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, ‘‘आज दुनिया भारत को एक नई दृष्टि से देख रही है और इस दृष्टि के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। एक आतंकवाद और दूसरा विस्तारवाद। भारत इन दोनों ही चुनौतियों से लड़ रहा है और सधे हुए तरीके से बड़े हिम्मत के साथ जवाब भी दे रहा है।’’
उन्होंने कहा कि भारत आज अपना लड़ाकू विमान, पनडुब्बी और गगनयान भी बना रहा है और यह स्वदेशी उत्पादन में भारत के सामर्थ्य को उजागर करता है। उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी में भारत के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने से कोई भी बाधा रोक नहीं सकती। हमारी ताकत हमारी जीवटता है, हमारी ताकत हमारी एकजुटता है। हमारी प्राण शक्ति, राष्ट्र प्रथम सदैव प्रथम की भावना है।’’
सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देने को लोकतंत्र की असली भावना करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में परिसीमन आयोग का गठन हो चुका है और वहां विधानसभा चुनाव की तैयार चल रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि हिमालयी, तटीय और आदिवासी क्षेत्र भविष्य में भारत के विकास का ‘‘बड़ा आधार’’ बनेंगे।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत को नयी ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ्य का सही और पूरा इस्तेमाल जरूरी है और इसके लिए जो वर्ग या क्षेत्र पीछे छूट गए हैं उन्हें आगे बढ़ाना ही होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘आज पूर्वोत्तर में संपर्क का नया इतिहास लिखा जा रहा है। ये संपर्क दिलों का भी है और बुनियादी ढांचों का भी है। बहुत जल्द पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों को रेल सेवा से जोड़ने का काम पूरा होने वाला है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा पूर्वी भारत, पूर्वोत्तर, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख सहित पूरा हिमालय का क्षेत्र हो या हमारा तटीय क्षेत्र या फिर आदिवासी अंचल हो, यह भविष्य में भारत के विकास का बड़ा आधार बनेंगे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देना ही ‘‘लोकतंत्र की असली भावना’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब जमीन पर दिख रहा है। जम्मू कश्मीर में परिसीमन आयोग का गठन हो चुका है और भविष्य में विधानसभा चुनावों के लिए भी तैयारी चल रही है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख भी विकास की अपनी असीम संभावनाओं की तरफ आगे बढ़ चला है। उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ लद्दाख आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होते देख रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ‘सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय’ लद्दाख को उच्च शिक्षा का केंद्र भी बनाने जा रहा है।’’
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के जिन जिलों के लिए यह माना गया था कि वह पीछे रह गए, उनकी सरकार ने उनकी आकांक्षाओं को जगाया है।उन्होंने कहा, ‘‘देश में 110 से अधिक आकांक्षी जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सड़क और रोजगार से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इनमें से अनेक जिले आदिवासी अंचल में हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, वह अब पोषणयुक्त चावल देगी। उन्होंने कहा, ‘‘राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मध्यान्ह भोजन में मिलने वाला चावल हो, वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाई कर दिया जाएगा।’’
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका सपना है कि देश के छोटे किसान भारत की शान बनें और केंद्र सरकार इसे ही ध्यान में रखकर कृषि सुधारों की दिशा में कदम बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘छोटा किसानए बने देश की शान, यह हमारा सपना है। आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा। उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 80 प्रतिशत से ज्यादा किसान ऐसे हैं, जिनके पास दो हेक्टेयर से भी कम जमीन है। उन्होंने कहा, ‘‘देश में पहले जो नीतियां बनीं, उनमें इन छोटे किसानों पर जितना ध्यान केंद्रित करना था, वह नहीं किया गया। अब इन्हीं छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आज से अपनी आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है और यहां से आजादी के 100 वर्षों तक का सफर ‘‘भारत के सृजन का अमृतकाल’’ है।
उन्होंने कहा कि भारत का यह संकल्प सुरक्षित और समृद्ध विश्व की खातिर प्रभावी योगदान के लिए है। उन्होंने कहा कि हर देश की विकास यात्रा में एक समय ऐसा आता है, जब वह देश खुद को नए सिरे से परिभाषित करता है और खुद को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत की विकास यात्रा में भी आज वो समय आ गया है। यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा नए भारत के सृजन का अमृतकाल है। इस अमृतकाल में हमारे संकल्पों की सिद्धि, हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी।’’ प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान सबसे पहले देश की आजादी में योगदान देने वाले महापुरुषों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की । उन्होंने कहा, ‘‘आज देश उन्हें याद कर रहा है। देश इन सभी महापुरुषों का ऋणी है।’’
कोरोना महामारी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस महामारी में अपनी जान गंवाई, वह भी वंदन के अधिकारी हैं। तोक्यो ओलंपिक में भारत के शानदार प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्होंने अपने मंच से तालियां बजाई और कहा कि यह भारत के खेलों और युवा पीढ़ी का सम्मान है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने हमारा दिल ही नहीं जीता है, उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को भी, भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का बहुत बड़ा काम किया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को दुनिया में अपने सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रम पर गर्व है और 54 करोड़ से अधिक लोग पहले ही कोविड-19 के टीके लगवा चुके हैं।उन्होंने कहा, ‘‘हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है। देश में 54 करोड़ से अधिक लोग पहले ही टीके लगवा चुके हैं।’’
प्रधानमंत्री ने देश में टीका निर्माण में शामिल लोगों की भी सराहना की और कहा कि भारत को कोरोना वायरस रोधी टीकों के लिए बाहरी दुनिया पर निर्भर नहीं होना पड़ा। उन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने में चिकित्सकों, नर्सों और पराचिकित्सकों के योगदान की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने दुनिया का ध्यान आकर्षित करने वाले डिजिटल मंच ‘कोविन ऐप’ के निर्माण को भी रेखांकित किया।
महामारी के दौरान 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसने दुनिया को हैरान कर दिया है और यह चर्चा का विषय बन गया है। मोदी ने गांवों और शहरों में जीवन के अंतर को पाटने के लिए कदम उठाने का भी आह्वान किया।
मोदी ने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम भारत की आजादी के 100 साल पूरे होने तक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के अपने लक्ष्य को पूरा कर लें।’’
लाल किले पर केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य, विभिन्न दलों के नेता और विदेशी राजनयिकों सहित केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। तोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले भारतीय दल के प्रतिनिधियों की उपस्थित आकर्षण का केंद्र थी। प्रधानमंत्री ने उन्हें विशेष तौर पर आमंत्रित किया है।
प्रधानमंत्री आज सबसे पहले राजघाट गए और वहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया। यहां से प्रधानमंत्री सीधे लाल किले पहुंचे जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने उनका वहां स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने तिरंगा फहराया और इसके बाद हेलीकॉप्टर से आयोजन स्थल पर पुष्प वर्षा की गई।