नई दिल्ली/ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को उस विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए जिससे रूस सैन्य प्रतिष्ठानों के ऊपर निगरानी उड़ानों की अनुमति देने वाली अंतरराष्ट्रीय संधि से बाहर हो सकेगा। अमेरिका इस संधि से पहले ही अलग हो चुका है।
अमेरिकी अधिकारियों ने पिछले महीने रूस से कहा था कि राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने ‘‘ओपन स्काई ट्रिटी’’ में फिर से शामिल नहीं होने का फैसला किया है। इसके बाद रूसी सांसदों ने विधेयक का समर्थन किया। अमेरिका, पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में इस संधि से अलग हो गया था।
उल्लेखनीय है कि 16 जून को जिनेवा में पुतिन और बाइडन के बीच शिखर वार्ता होनी है। ‘‘ओपन स्काई ट्रिटी’’ का मकसद रूस और पश्चिमी देशों के बीच विश्वास स्थापित करना था। इस संधि के तहत तीन दर्जन से अधिक देश सेना की तैनाती और अन्य सैन्य गतिविधियों की निगरानी के लिए एक-दूसरे के क्षेत्रों में निगरानी उड़ानों का संचालन कर सकते थे।
यह संधि 2002 में प्रभावी हुयी और इसके तहत 1,500 से अधिक उड़ानें संचालित की गई जिनसे पारदर्शिता को बढ़ावा मिलने के साथ ही हथियार नियंत्रण समझौतों की निगरानी में भी मदद मिली। ट्रंप प्रशासन पिछले साल इस समझौते से बाहर हो गया था और उसका कहना था कि रूसी उल्लंघन को देखते हुए अमेरिका के लिए एक पक्ष बने रहना असंभव हो गया है। अमेरिका ने नवंबर में संधि से अपनी वापसी पूरी कर ली।
रूस ने किसी भी उल्लंघन को खारिज कर दिया है। रूस की दलील है कि उसने अतीत में कुछ प्रतिबंध लगाए थे जो संधि के तहत मान्य थे। इसके साथ ही रूस का आरोप था कि अमेरिका ने अलास्का में निगरानी उड़ानों पर अधिक व्यापक प्रतिबंध लगा दिया।