रांची/ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहनराव भागवत मंगलवार की सुबह रांची पहुंचे। मोहनराव ट्रेन से हटिया रेलवे स्टेशन पहुंचे जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। मोहनराव जी 10 दिनों के लिए रांची आए हैं।
इस क्रम में उनके कई कार्यक्रम पहले से तय हैं। मोहनराव किनके यहां रुकेंगे यह तो नहीं बताया गया है लेकिन उनका कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी के झारखंड प्रदेश महामंत्री डॉ. प्रदीप वर्मा के संरक्षण में संचालित सरला-बिरला विश्वविद्यालय में रखा गया है। उनके कार्यक्रम के बारे में मीडिया को बस इतना बताया गया है कि वे देश भर के प्रांत प्रचारकों की बैठक में रांची आए हैं।
मीडिया में आयी खबर के अनुसार भागवत हटिया स्टेशन से सीधे सरला बिरला यूनिवर्सिटी रवाना हो गये। भागवत 10 दिनों तक रांची में प्रवास करेंगे. इस दौरान वे 12 से 14 जुलाई तक अखिल भारतीय स्तर की प्रांत प्रचारकों की बैठक में हिस्सा लेंगे। मई-जून में संपन्न संघ के प्रशिक्षण वर्गों की दो माह की शृंखला के बाद देशभर के सभी प्रांत प्रचारक इस बैठक में मौजूद रहेंगे।
संघ संगठन योजना में कुल 46 प्रांत प्रांतों का ब्योरा दिया जाता है। उन तमाम प्रांतों के प्रचारक यहां उपस्थित रहेंगे। बैठक में परंपरा के अनुसार संघ के प्रशिक्षण वर्ग के वृत्त रखा जाएगा। इस प्रकार की अखिल भारतीय बैठक में अमूमन आगामी वर्ष की योजना का क्रियान्वयन, सरसंघचालक एवं सरकार्यवाह के वर्ष 2024-25 की प्रवास योजना जैसे विषयों पर चर्चा होती रही है। संभवतः रांची की बैठक में भी वैसा ही हो।
आगामी वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष ( 2025-26) वर्ष है। इस बैठक में इस बात की भी चर्चा हो सकती है। वैसे संघ अपने शताब्दी वर्ष को लेकर उदासीन-सा दिख रहा है। जानकारों की मानें तो जिस प्रकार संघ अपने आद्य सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक माधवराव सदाशिव गोलवलकर के जन्म शताब्दी पर सक्रिय था उस प्रकार की सक्रियता इस बार नहीं दिख रही है।
बैठक में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सभी सह सरकार्यवाह, जैसे-डॉ कृष्णगोपाल, सीआर मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, आलोक कुमार, अतुल लिमये उपस्थित रहेंगे। इसके अलावे राष्ट्रीय स्वंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य भी इस बैठक में शामिल रहने वाले हैं। मंगलवार को भागवत के साथ संघ की छोटी टोली की बैठक हुई। इसे संघ की भाषा में टीम कहा जाता है।
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ साल में दो बार अखिल भारतीय बैठक करती है। इसमें एक बैठक प्रतिनिधि सभा की होती है, जिसमें प्रांत और विभाग स्तर के प्रमुख एवं सूचिबद्ध अधिकारी शामिल होते हैं। दूसरी बैठक अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की होती है। इसमें प्रांत संघचालक, प्रांत प्रचारक, प्रांत कार्यवाह यानी प्रांत स्तर के अधिकारी शामिल होने की परंपरा है। मोहनराव के साथ हो रही यह बैठक संभवतः अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक है। इसमें देश भर के प्रमुख अधिकारी शामिल हो रहे हैं।
इधर सूत्रों से मिली खबर में बताया गया है संघ कि इस बैठक के दौरान झारखंड में भाजपा सरकार की वापसी पर भी मंथन होनी है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में बघेल सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए संघ ने एक लाख के अधिक गुप्त बैठकें की थी।
मोहनराव के साथ सरला-बिरला विश्वविद्यालय में हो रही बैठक में झारखंड भाजपा के लिए संभवतः इस प्रकार की बैठक भी हो सकती है। क्योंकि जिस स्थान पर बैठक हो रही है, वह भारतीय जनता पार्टी के गतिविधि का केन्द्र माना जाता है।
जानकारों का कहना है कि सरला-बिरला विश्वविद्यालय में भारतीय जनता पार्टी के कई कार्यकर्ता कार्यरत हैं। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के खास सहयोगी भी आजकल इसी विश्वविद्यालय का काम संभाल रहे हैं।