लखनऊ/ उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी साथी, आईपी सिंह ने द्रबिड़ मुनेत्र कषगम यानी डीएमके के नेताओं के हाल के हिन्दू विरोधी अपमानजनक बयानों की आलोचना की है। सिंह ने डीएमके नेताओं से सवाल पूछा है कि क्या उन्होंने हिन्दू धर्म छोड़ दिया है?
सपा ने की चुप्पी को तोड़ते हुए, डीएमके के नेताओं की आलोचना की है। अभी हाल ही में कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव में विपक्षी कांग्रेस की हार के बाद अपनी टिप्पणी में डीएमके नेताओं ने उत्तर भारतीयों पर नकारात्मक टिप्पणी की थी। साथ ही डीएमके के नेता विगत दिनों से लगातार हिन्दू धर्म पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं। इस मामले में सपा ने अपनी चुप्पी तोडते हुए डीएमके के नेताओं पर जुवानी हमला बोला है। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री रहे और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले आईपी सिंह ने डीएमके नेताओं को आड़े हाथों लिया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपना पक्ष रखते हुए सिंह ने डीएमके के नेताओं के हाल के अपमानजनक बयानों की आलोचना की और उनसे पूछा कि क्या उन्होंने हिन्दू धर्म को छोड़ दिया है। बता दें कि सपा प्रमुख अखिलोश यादव और डीएमके प्रमुख एमके स्तालिन के बीच बेहद मधुर संबंध की चर्चा होती रहती है। यही नहीं दोनों दल अभी हाल ही में अस्तित्व में आए इंडिया गठबंधन के अंग भी हैं। बावजूद इसके सपा नेता ने डीएमके की आलोचना की है।
अपनी आलोचना में सिंह ने कहा कि अगर कोई इस्लाम का मजाक उड़ाने का साहस करता है, तो मुस्लिम समुदाय उसके खिलाफ खड़ा हो जाता है और हमेशा इसके लिए जीवन देने के लिए तैयार होकर अपने धर्म की रक्षा करता है। दूसरी ओर, कुछ अजीब हिन्दू रोज अपने देवताओं और देवियों, वेदों, पुराणों, सांस्कृतिक और परंपराओं का मजाक बना रहे हैं। आईपी सिंह ने यह बात सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से अपने विचार साझा किए हैं।
आगे उन्होंने जोड़ा, डीएमके के नेता रोज अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्या उन्होंने हिन्दू धर्म छोड़ दिया है? अगर उन्होंने ईसाई धर्म को स्वीकार किया है, तो फिर वे हिन्दू धर्म की आलोचना कैसे कर सकते हैं?
सिंह ने उन नेताओं से कहा कि अगर उन्हें हिन्दू धर्म पसंद नहीं है तो वे बौद्ध या किसी और धर्म को स्वीकार करें लेकिन सनातन की आलोचना करना बंद करें। उन्होंने हिन्दू धर्म की शक्ति को बचाने के लिए एक कठिन कानून की मांग की। आगे उन्होंने लिखा, इस मामले में एक सख्त कानून होना चाहिए, अन्यथा हिन्दू धर्म की गरिमा नष्ट हो जाएगी।
सिंह का बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके एक दिन पहले डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिल कुमार ने लोकसभा में हिंदी बोलने वाले राज्यों पर अपमानजनक टिप्पणियाँ की थीं। इससे पहले, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्तालिन के बेटे, डीएमके नेता उदयनिधि स्तालिन,, ने सनतन धर्म को समाप्त करने की बात की थी और सितंबर की शुरुआत में एक सनातन विरोधी सम्मेलन में इसे मलेरिया और डेंगू के साथ तुलना की थी।