सुभाष शिरढोनकर
एक्टर विजय राज अपने लाजवाब कॉमिक अंदाज से फिल्म इंडस्ट्री में अपने लिए खास जगह और खास इमेज बना चुके हैं। उन्हें फिल्म इंडस्ट्री के बेहतरीन एक्टर्स में से एक माना जाता है। विजय राज को अपने किरदारों के जरिये दर्शकों को हंसा हंसा कर लोटपोट करने में गजब का महारथ हासिल है। हर फिल्म में उनका किरदार एक अलग ही एनर्जी लेवल का नजर आता है।
आज के इस दौर में शायद ही कोई हो जिसने विजय राज की कॉमेडी और लाजवाब एक्टिंग की तारीफ न की हो। विजय को आज, उनके नाम से ज्यादा, उनके किरदारों के लिए पहचाना जाता है। विजय इसे अपने लिए बेहद फख्र की बात मानते हैं।
अभिषेक बच्चन की 2004 में आई फिल्म ’रन’ में विजय राज का किरदार इतना मशहूर हुआ था कि आज भी लोग उनके उस किरदार को भूल नहीं पाए हैं। फिल्म में उनके कॉमेडी सीन्स को दर्शक आज भी याद करते हैं। फिल्म में उनका ’कौआ बिरयानी वाला सीन’ लोगों के जहन में अब तक रचा बसा है।
विजय राज की कॉमेडी हर किसी का दिल जीतने में कामयाब रही है। आज के इस दौर में, उनकी एक्टिंग और कॉमेडी का कोई मुकाबला नहीं है। हर फिल्म में उनके किरदार की अपनी एक अलग खासियत होती है। वह एक्टिंग के ऑल राउंडर हैं।
विजय राज की कामयाबी के पीछे उनका 15 साल का संघर्ष है। आज वो जिस मुकाम पर हैं वहां तक पंहुचने के लिए उन्हें काफी अधिक स्ट्रगल करना पड़ा लेकिन अब हालात पूरी तरह उनके पक्ष में नजर आने लगे हैं। अब किरदारों में उन्हें काफी स्क्रीन स्पेस मिलने लगा है।
दिल्ली के प्रतिष्ठित किरोड़ीमल कॉलेज से विजय राज ने ग्रेजुएशन किया है। कॉलेज में जब वह पहली बार थिएटर गु्रप के साथ जुड़े, तभी से उन्होंने एक्टिंग को अपना कैरियर बनाने के बारे में सोच लिया था। फिल्मों में आने के पहले विजय राज लगभग 10 साल तक थिएटर करते रहे।
विजय राज ने अपने एक्टिंग कैरियर की शुरूआत रामगोपाल वर्मा की फिल्म ’जंगल’ के साथ की थी। इसके बाद वह महेश भट््ट की ’भोपाल एक्सप्रेस’ और ’मानसून वेडिंग’ में पी के दुबे की भूमिका में नजर आए।
विजय की बतौर लीड पहली फिल्म ’रघु रोमियो’ थी। इसमें उनके किरदार ने दर्शकों को हैरान कर दिया था। रणवीर सिंह स्टारर ’गली बॉय’ में विजय राज का किरदार हर किसी को पसंद आया।
विजय राज अब तक ’आई एम 24, ’बेनाम’, ’ड्रीम गर्ल’, ’अनवर’, ‘लव इन नेपाल’, ’फुल एन फाइनल’ ’वैलकम’, ’मुंबई एक्सप्रेस’ और ’गंगूबाई’ जैसी कई फिल्मों में बेहतरीन किरदार निभा चुके हैं। जो लोग विजय राज के टैलेंट से परिचित हैं उन्हें लगता है कि विजय को अब तक वह मुकाम हासिल नहीं हुआ है जिसके वो सही में हकदार हैं।
(युवराज)